अपने निष्कासन पर बोली रूबिना मुझे राष्ट्रवादी होने का ईनाम मिला

 अपने निष्कासित होने पर बोली रूबिना खानम अखिलेश यादव का असली चेहरा सामने आया-सपा महिला विरोधी है

विरेन्द्र चौधरी

अलीगढ़। महानगर की महिला समाजवादी पार्टी की अध्यक्षा रूबिना खानम को अखिलेश यादव के आदेश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर कर दिया। रूबिना खानम ने भी साफ कह दिया कि वो मुझे क्या निकालेंगे, मैं सारे पदों पर लात मारती हुं। समाजवादी महिला विरोधी हैं।



क्या दोष था रूबिना खानम का-क्यूं निकाला पार्टी से


दरअसल रूबिना खानम ने ज्ञानवापी मस्जिद पर एक पत्रकार को इंटरव्यू में कहा दिया था, अगर ज्ञानवापी मस्जिद में मंदिर होने का प्रमाण मिलता है तो मुसलमानों को अपना दावा छोड़ देना चाहिए, क्योंकि इस्लाम में कब्जे की जगह पर नमाज जायज नहीं है। अगर वहां मंदिर होने के सबूत नहीं मिलते तो हिंदूओं को शांत हो जाना चाहिए। लेकिन इस मामले की जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। इस ब्यान को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनुशासनहीनता कहते हुए रूबिना खानम को पार्टी से बाहर कर दिया।

रूबिना खानम ने भी अखिलेश यादव को सीधा जवाब देते हुए कहा कि मैं राष्ट्रवादी हुं और राष्ट्र के लिए सैकड़ों पद कुर्बान है। खानम ने कहा समाजवादी महिला विरोधी हैं,जिस पार्टी में अपर्णा यादव को सम्मान नहीं मिला। वहां हमें क्या सम्मान मिलता। उन्होंने कहा मुझे राष्ट्रवादी होने की सजा मिली है। अगर मैं समाजदियो की भाषा में बोलती तो ठीक था। मैंने राष्ट्रहित की बात की है,उसे अखिलेश यादव पचास नहीं पाये।

दरअसल रूबिना खानम ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर स्पष्ट किया था कि अगर किसी शाशक ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई है तो हमारे उलेमाओं को ये बात समझनी चाहिए। क्योंकि कब्जे की जगह पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती। उन्होंने कहा ईमानदारी से जांच होनी चाहिए। अगर वहां मंदिर सिद्ध हो जाता है तो मुसलमानों को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। अगर वहां मंदिर सिद्ध नहीं होता तो हिन्दूओं को शांत हो जाना चाहिए।

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