किसान यूनियन हुई टुकड़े टुकड़े◆क्या टिकैत बचा पायेगें अपना वजूद◆किसानों की अनदेखी, राजनीति करने का लगा आरोप
विरेन्द्र चौधरी
मेरठ।आज भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक और लौहपुरुष रहे महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि थी। ऐसे अवसर पर राकेश टिकैत के खास सिपेहसालारों ने राकेश टिकैत का साथ छोडनें के साथ ही अपनी किसान यूनियन "अराजनैतिक" की घोषणा भी कर डाली। उन्होंने टिकैत पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा टिकैत अब राजनीति करने लगे है। कभी महेन्द्र सिंह टिकैत के दाहिने हाथ समझें जाने वाले भगत सिंह वर्मा ने भी हाल ही में भारतीय किसान यूनियन "वर्मा" की घोषणा की है।
सूत्रों का कहना है कि गाजीपुर बार्डर पर चले 365 दिन से अधिक चले आंदोलन में टिकैत ने एक बार भी किसानों की असल मांग गन्ना 600 रूपये कुंतल की मांग नहीं उठाई, जिसके चलते भगत सिंह वर्मा टिकैत से नराज थे। आज महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि के ही दिन राकेश टिकैत के विश्ववासपात्र राजेश सिंह चौहान ने कहा हमनें टिकैत से नाराज चल रहे यूपी,उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के किसानों से मुलाकात करने़ के बाद ही भारतीय किसान यूनियन "अराजनैतिक" का गठन किया। फिलहाल राजेश चौहान BKU के अध्यक्ष होगें।
आरोप-राकेश टिकैत नरेश टिकैत का हो गया राजनितिकरण
विगत विधानसभा चुनाव के समय राकेश टिकैत ने जो ब्यान दिये,उसनें सपष्ट कर दिया था टिकैत अब किसानों की अनदेखी कर राजनीतिक हो गये है। उनके ब्यानों को लेकर किसानों में बेहद नाराजगी थी। चौहान ने कहा हमारी किसान यूनियन केवल किसानों के लिए लड़ेगी,हमारा राजनीति से कोई लेना देना नहीं होगा। राजेश चौहान के अनुसार राजेन्द्र सिंह मलिक, अनिल तालान,बिंदू कुमार, हरनाम सिंह वर्मा, नितिन सिरोही, कुंवर परमार सिंह सहित टिकैत के बड़े नेता उनके साथ है।
राकेश टिकैत पिछले दिनों लखनऊ में देखें गये। शायद वो यूनियन टूटने से बचाने के लिए लखनऊ रहे। चौहान ने कहा टिकैत की किसानों और किसान की सम्सयाओं में कोई दिलचस्पी नहीं है।उनका राजनितिकरण हो चुका है।
चुनाव के बाद जिसका डर था वो ही हो गया। किसान यूनियन टूटने लगी है। हांलाकि चौहान के जाने के बाद टिकैत ने ट्वीट किया कि हमनें राजेश चौहान को यूनियन से निकाल दिया है। सवाल यह है कि क्या अब टिकैत अपना वजूद बचा पायेगें या एक एक करके किसान उनसें विदाई ले लेगें।
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