मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर किसानों को मनरेगा योजना से मजदूर उपलब्ध कराए जाएं - भगत सिंह वर्मा
विरेन्द्र चौधरी
सहारनपुर-आज यहां महफूज गार्डन भारतीय किसान यूनियन वर्मा कार्यालय पर एक बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय संयोजक भगत सिंह वर्मा ने कहा कि कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में अन्नदाता किसानों को खेती करना दूभर हो गया है खेती की लागत लगातार बढ़ती जा रही है जबकि अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य तो दूर लागत मूल्य भी सरकार नहीं दिला पा रही है।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश के अन्नदाता किसानों को बचाने के लिए और देश को बचाने के लिए खेती की लागत कम करने के लिए मोदी जी की केंद्र सरकार को मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर किसानों को मनरेगा योजना से खेती करने के लिए मजदूर उपलब्ध कराने चाहिए।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को उत्तर प्रदेश में ₹214 प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है जो बहुत ही कम है। सरकार मनरेगा खाते से ₹214 मजदूरों को दिलाएं और ₹186 किसान अपनी जेब से मजदूरों को देगा इस प्रकार मजदूर को ₹400 प्रतिदिन मजदूरी भी मिलेगी और किसानों के खेतों में काम होगा इससे किसानों को भी लाभ होगा और मजदूरों को भी लाभ होगा। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि वर्ष 2022 - 23 वित्तीय वर्ष में देश के यूनियन बजट में मनरेगा योजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है जिसकी उपयोगिता किसानों को खेती में मजदूर उपलब्ध करके सिद्ध की जा सकती है। वर्तमान में मनरेगा योजना एक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली योजना है और इसका नहीं मजदूर को लाभ है और ना ही देश को कोई लाभ है। आज की बैठक की अध्यक्षता पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल ने की और संचालन भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने किया।बैठक मे वरिष्ठ सलाहकार गगन त्यागी, जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी एडवोकेट, व्यापार मंडल प्रदेश अध्यक्ष सरदार अरविंदर सिंह लांबा, राष्ट्रीय सलाहकार हाफिज मुर्तजा त्यागी, प्रदेश उपाध्यक्ष राव रजा, सुधीर चौधरी, रविंद्र चौधरी, प्रधान नीरज सैनी, प्रधान सुभाष त्यागी, हाजी साजिद, हाजी सुलेमान, जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद वसीम जहीरपुर, मोहम्मद यासीन त्यागी, महबूब हसन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा जब तक पृथक पश्चिम प्रदेश नहीं मिल जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
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