क्या विजेन्द्र बाक्सर हो सकते हैं हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री •• खेल कोटा बहाल कराने को हरियाणा में विजेन्द्र बाक्सर ने किये संयुक्त खेल मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शन •• घबराते मुख्यमंत्री खट्टर ने खेल कोटा किया बहाल •• विजेन्द्र बाक्सर की राजनीति में पहली जीत
विरेन्द्र चौधरी
मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा तक विजेन्द्र बाक्सर आजकल जबरदस्त चर्चा में हैं। यह चर्चा उनकी कार्यशैली को लेकर होनी शुरू हुई। विजेन्द्र बाक्सर ने हाल में मुख्यमंत्री खट्टर के एक आदेश से नाराज होकर भिवानी, हिसार और सोनीपत में खट्टर सरकार के खिलाफ विरोध मार्च कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कम समय में भीड़ का आंकड़ा पांच से दस हजार रहा। उक्त विरोध मार्च का आयोजन संयुक्त खेल मोर्चा के तत्वावधान में किया गया था।
हरियाणा में खेल कोटा बहाल कराने को प्रदर्शन करते विजेन्द्र बाक्सरपहले आपको ये बताना जरूरी है कि हरियाणा में कांग्रेस , इंडियन नेशनल लोकदल का कब्जा रहा है। लेकिन कांग्रेस के जाट नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा वो इनेलो के ओमप्रकाश चौटाला दोनों के जाट होने के नाते जाट मतदाताओं का विभाजन हो गया।जिसका फायदा और देश में भाजपा की लहर पैदा होने पर भाजपा को फायदा मिला और भाजपा हरियाणा में सरकार बनाने में कामयाब रही। वर्तमान में किसान यूनियन के सालों चले दिल्ली बार्डर पर धरने व किसानों पर हरियाणा में कईं बार हुए लाठी चार्ज को लेकर भाजपा खासकर खट्टर के खिलाफ किसानों में आक्रोश है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने भी हरियाणा में सेंध लगाई है। जिसके चलते भाजपा कमजोर स्थिति में है। भाजपा खासकर खट्टर को किसान और जाट विरोधी माना जा रहा है। ऐसे में खट्टर ने फिर एक बड़ी गलती कर दी, उन्होंने हरियाणा सरकार की नौकरियों में खिलाड़ियों का कोटा खत्म कर दिया। पूरे देश को सबसे अधिक पदक दिलाने वाले खिलाड़ी हरियाणा से आते हैं। अधिकतर पदक भी जाट खिलाड़ियों ने दिलाये हैं।
संयुक्त खेल मोर्चा जो देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ परिर्वतन के लिए अब मैदान में आ गया है, खिलाड़ियों की देश में लाखों शाखाएं हैं। हरियाणा में सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के कोटा खत्म होने से नाराज़ हो गया। संयुक्त खेल मोर्चा ने विजेन्द्र बाक्सर से संपर्क किया। संयुक्त खेल मोर्चा ने खिलाड़ियों का कोटा बहाल कराने के लिए विजेन्द्र बाक्सर को लेकर पूरे हरियाणा में विरोध मार्च की घोषणा कर दी। पहला विरोध मार्च भिवानी दूसरा विरोध मार्च हिसार तीसरा विरोध मार्च सोनीपत में किया। सुत्रो का कहना है कि इस विरोध मार्च को जबरदस्त जन समर्थन मिलने लगा।सोनीपत में लगभग दस हजार लोग शामिल हुए।
खेल कोटा बहाल कराने को मोर्चा निकालते खिलाड़ी बताना जरूरी है कि संयुक्त खेल मोर्चा के अनुसार जिस दिन सोनीपत में विरोध मार्च चल रहा था,उस दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर योगी आदित्यनाथ के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने लखनऊ में मौजूद थे। उन्होंने वही से विजेन्द्र बाक्सर से संपर्क कर कहा,तुम ये क्या कर रहे हो।इस पर विजेन्द्र बाक्सर ने जवाब दिया आपने खिलाड़ियों का कोटा समाप्त कर दिया। अब मैं वो ही कर रहा हुं जो एक खिलाड़ी को खिलाड़ियों के लिए करना चाहिए। जवाब सुनकर खट्टर समझ गये।थोड़ी देर बाद ही सोशल मीडिया और न्यूज़ में पट्टी चलनी शुरू हो गई कि खिलाड़ियों का कोटा बहाल कर दिया गया है।विजेन्द्र बाक्सर गैर राजनीतिक है, लेकिन राजनीति की पहली लड़ाई वो जीत चुके थे। अंदर से मिल रही खबरों के अनुसार संयुक्त खेल मोर्चा के पदाधिकारियों विनोद पहलवान, दुष्यंत पहलवान व पदम पहलवान का कहना है कि हम देश में व्यवस्था परिवर्तन चाहते हैं।आम आदमी को न्याय और इसका हक मिले, इसलिए अब हम देशभर के खिलाड़ियों को लेकर चुनाव में उतरेंगे। इससे स्पष्ट है कि हरियाणा में खेल मोर्चा ने विजेन्द्र बाक्सर को लेकर पहली जंग जीती है तो चुनाव भी विजेन्द्र बाक्सर के नेतृत्व में लड़ा जायेगा। अगर सफल रहे तो निश्चित तौर पर विजेन्द्र बाक्सर ही हरियाणा के मुख्यमंत्री होगें।
विजेन्द्र बाक्सर का परिचय--विजेन्द्र बाक्सर का पूरा नाम विजेन्द्र सिंह बेनीवाल है।29 अक्टूबर 1985 को उनका जन्म हुआ था।वे भिवानी हरियाणा के निवासी हैं।2008 में ओलम्पिक खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। ये भी बता दें कि संयुक्त खेल मोर्चा के संस्थापक विनोद पहलवान, दुष्यंत पहलवान व पदम पहलवान राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए राजनीति में उतर चुके है। संयुक्त खेल मोर्चा के पदाधिकारियों से वार्ता पर आधारित समाचार के अनुसार अब पूरे देश में व्यवस्था परिवर्तन को लेकर खिलाड़ियों को राजनीति के लिए प्रेरित किया जायेगा।
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