ट्वीन टावर सैकंडों में हुआ जमींदोज••••गुनहगार पहचाने गए, जल्द होगी कार्यवाही: अवनीश अवस्थी
D P SINGH/GARGI SINGH
लखनऊ।उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी का कहना है कि भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े नोएडा के ट्विन टॉवर्स को ढहा दिया गया है। इस भ्रष्टाचार में लिप्त बिल्डर, कर्मचारी, आर्किटेक्ट और नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की पहचान कर ली गई है, जल्द उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा।
अवनीश अवस्थी का कहना है, सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद इन अवैध टावरों को गिराया जा रहा है। ये साबित करता है कि कानून से कोई बच नहीं सकता, ये उन लोगों को सख्त संदेश देगा कि राज्य में अवैध काम को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई इस गगनचुम्बी इमारत के निर्माण में नोएडा विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों और बिल्डर की मिलीभगत की बात साबित हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेढ़ दशक पुराने इस मामले की गहन जांच कराई। सितम्बर 2021 में मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर 4 सदस्यों की एक समिति गठित की गई। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर मामले में संलिप्त 26 अधिकारियों/कर्मचारियों, सुपरटैक लिमिटेड के निदेशक एवं उनके वास्तुविदों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। इस मामले में अक्टूबर 2021 में प्राधिकरण के संलिप्त अधिकारी, सुपरटैक लिमिटेड के निदेशक तथा आर्किटेक्ट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई, साथ ही नोएडा की जिला अदालत में मुकदमा भी दाखिल किया है।
नोएडा ट्विन टॉवर्स के भ्रष्टाचार में कई अधिकारियों की संलिप्ता पाई गई है।इनके नामों की सूची इस प्रकार है।
मोहिंदर सिंह /CEO नोएडा (रिटायर्ड)--एस.के.द्विवेदी /CEO,नोएडा (रिटायर्ड)--आर.पी.अरोड़ा/अपर CEO,नोएडा (रिटायर्ड)--यशपाल सिंह/विशेष कार्याधिकारी (रिटायर्ड)--स्व. मैराजुद्दीन/प्लानिंग असिस्टेंट (रिटायर्ड)--ऋतुराज व्यास/ सहयुक्त नगर नियोजक(वर्तमान में यमुना प्राधिकरण में प्रभारी महाप्रबंधक)--एस.के.मिश्रा /नगर नियोजक (रिटायर्ड)--राजपाल कौशिक/वरिष्ठ नगर नियोजक (रिटायर्ड)--त्रिभुवन सिंह/मुख्य वास्तुविद नियोजक (रिटायर्ड)--शैलेंद्र कैरे/उपमहाप्रबन्धक,ग्रुप हाउसिंग (रिटायर्ड)--बाबूराम/परियोजना अभियंता (रिटायर्ड)--टी.एन.पटेल/प्लानिंग असिस्टेंट (सेवानिवृत्त)--वी.ए.देवपुजारी/मुख्य वास्तुविद नियोजक (सेवानिवृत्त)--श्रीमती अनीता/प्लानिंग असिस्टेंट (वर्तमान में उ.प्र.राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण)--एन.के. कपूर /एसोसिएट आर्किटेक्ट (सेवानिवृत्त)--मुकेश गोयल/नियोजन सहायक (वर्तमान में प्रबंधक नियोजक के पद पर गीडा में कार्यरत)--प्रवीण श्रीवास्तव/सहायक वास्तुविद (सेवानिवृत्त)--ज्ञानचंद/विधि अधिकारी (सेवानिवृत्त)--राजेश कुमार /विधि सलाहकार (सेवानिवृत्त)--स्व. डी.पी. भारद्वाज/प्लानिंग असिस्टेंट--श्रीमती विमला सिंह/ सहयुक्त नगर नियोजक--विपिन गौड़/महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त)--एम.सी.त्यागी/परियोजना अभियंता (सेवानिवृत्त)--के.के.पांडेय/ मुख्य परियोजना अभियंता--पी.एन.बाथम/ अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी--ए.सी सिंह/वित्त नियंत्रक (सेवानिवृत्त)--
इसके अलावा सुपरटेक लिमिटेड से जुड़े लोगों की सूची इस प्रकार है।आर.के.अरोड़ा-निदेशक--संगीता अरोड़ा-निदेशक--अनिल शर्मा-निदेशक--विकास कंसल-निदेशक--इसके अलावा परियोजना के आर्किटेक्ट भी इसमें आरोपी पाए गए हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं। दीपक मेहता एंड एसोसिएट आर्किटेक्ट के दीपक मेहता और मोडार्क आर्किटेक्ट के नवदीप कुमार को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
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