अयोध्या का मंदिर बनेगा योगी के गले की फांस••••लोग पुछ रहे बाबा बुल्डोजर कब आयेगा
विरेन्द्र चौधरी
मेरठ। गांव में एक कहावत कही जाती है कि नादान की दोस्ती से मर्द की दुश्मनी बेहतर होती है। प्रदेश के मुखिया योगी जी के शायद नादान समर्थक ने अयोध्या में एक ऐसा ही कारनामा करके अखिलेश यादव को तंज कसने का मौका दे दिया है। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री योगी जी से ट्वीट कर पुछ रहे हैं "मंदिर को तोड़ने के लिए योगी का बुलडोजर जायेगा या दिल्ली से स्टाप आयेगा "।
मामला कुछ इस तरह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक समर्थक प्रभाकर मौर्य ने मुख्यमंत्री का एक चित्र लगाकर, जिसमें उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की तरह दर्शाया है। सुबह शाम धूपबत्ती व घंटियां बजाकर पूजा अर्चना शुरू कर दी। प्रभाकर मौर्य के सगे चाचा रामनाथ मौर्य ने चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि प्रभाकर मौर्य द्वारा बनाया गया योगी मंदिर सरकारी जमीन पर बनाया गया है,जो जमीन को कब्जाने की नीयत से बनाया गया है। रामनाथ मौर्य ने मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत पर कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस शिकायत पर बोलने का मौका मिल गया है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है "अयोध्या में मुख्यमंत्री जी का जो मंदिर बनाया गया है,उसको बनाने वाले के चाचा ने ही मुख्यमंत्री से शिकायत की है कि वो जमीन पर अवैध कब्जा करने की नियत से बनाया गया है। अब मुख्यमंत्री जी बतायें कि ऐसे भूमाफिया भतीजे पर कार्रवाई वो करेंगे या दिल्ली से विशेष दस्ता आयेगा।
सवाल खड़ा है योगी आदित्यनाथ एक साधु संन्यासी व एक मुख्यमंत्री भी है, भगवान नहीं है-ना ही हो सकते है। योगी एक माननीय आदरणीय हो सकते हैं, भगवान कतई नहीं। अगर ऐसा है तो योगी को स्वयं मामले को गंभीरता से लेते हुए उस पर कार्रवाई भी करनी चाहिए। क्योंकि आपको भगवान दर्शाना या बताना Contempt of Court की तरह Contempt of God नहीं है क्या।इस दृष्टिकोण से भी मामले को देखा जाना चाहिए।सरकारी जमीन को कब्जाने की नीयत से आपका मंदिर बनाना अवैध सोच है, मंदिर अवैध और उसमें भगवान भी अवैध है। योगी जी आप देश में ही नहीं दुनिया में बाबा बुलडोजर के नाम से मशहूर हो।ऐसे में अपनी छवि बचाये रखने के लिए कार्यवाही होनी आवश्यक है। अगर कार्यवाही नहीं हुई तो अखिलेश यादव को हर रोज ट्वीट कर तंज कसने का बराबर मौका रहेगा। हो सकता है आगे चलकर ये राजनीति का मुद्दा बन जाये।
वैसे तो पुणे में भी एक भाजपा कार्यकर्त्ता मयूर मुंडे ने एक मंदिर का निर्माण कराया और उसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मूर्ति स्थापित कर दी।उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जनता में दबी जुबान में चर्चा शुरू हो गई है जब आप हिन्दू आस्था की बात करते हैं तो क्या ये दोनों मंदिर हिंदूओं की आस्था, भावनाओं को आहत नहीं कर रहे क्या।
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