भगत सिंह वर्मा ने मारा छापा अपने वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के घर-जाने फिर क्या हुआ

 


भगत सिंह वर्मा पहुंचे अचानक रात को,अपने वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी के निवास और बोले कैसे जिम्मेदार हो आप-आप नशे में है, बर्दाश्त से बाहर है••सुन ना लुं आप नशे में है

विरेन्द्र चौधरी/अतुल शर्मा

सहारनपुर। विगत रात अचानक भगत सिंह वर्मा राष्ट्रीय संयोजक भारतीय किसान यूनियन वर्मा व राष्ट्रीय अध्यक्ष पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने अपने ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी के यहां छापेमारी करी। शराब पीने पर उन्हें जमकर लताड़ा। कहा सीधा हो जा,वरना् मुझे सीधा करना भी आता है।

घटनाक्रम के अनुसार रात अचानक भगत सिंह वर्मा अपने निवास गंगदासपुर से मोटरसाइकिल से अपने संगठन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा विरेन्द्र चौधरी के निवास अनुराग विहार अपार्टमेंट सहारनपुर पहुंचे। मौके पर उन्होंने विरेन्द्र चौधरी को नशे में देखा, नशे में देखकर उन्हें जमकर लताड़ा और दोबारा शराब ना पीने की हिदायत दी। जब विरेन्द्र चौधरी ने कहा ये मेरा निजी मामला है,आप मुझे नहीं रोक सकते।आप को बुरा लगता है तो आप मेरा निष्कासन कर दें।

इस पर बिगड़ते हुए भगत सिंह वर्मा ने कहा निष्कासन हल नहीं है,हल शराब छुड़वाना है।जब तक नहीं जाऊंगा जब तक आप "तू"शराब नहीं छोड़ेगा। दुनिया में हम लड़ रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ,रोज धरने प्रदर्शन करते हैं जनता को जागरूक करने के लिए।आप ही नशे में है।

विरेन्द्र चौधरी के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा आज धरना तेरे ही घर पर हैं या शराब छोड़ या हमें। विरेन्द्र चौधरी ने कहा चलो आपको ही छोड़ता हुं,अब जाओ। इस पर भगत सिंह वर्मा बिगड़ गये और बोले सहुरे तू छोड़ सके हमें, मैं बड़ा भाई हुं नहीं छोड़ सकता। भगत सिंह वर्मा ने गुस्से में कहा औलाद छोड़ सके बाप को, मैं औलाद को नहीं छोड़ सकता। वादा कर अभी इसी वक्त आज के बाद नशे की शिकायत ना सुन लुं।

विरेन्द्र चौधरी पत्रकार वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने उनसे माफी मांगते हुए कहा मुझे आज पता चला मेरे पिता जिंदा है।

शिकायतकर्ता थे राव रज़ा,आसिम मलिक, सुनिल धीमान, चौधरी भूपेन्द्र सिंह रिटायर्ड बैंक मैनेजर,लकी पटपटिया, सरदार अरविन्दर सिंह लांबा, प्रदेश अध्यक्ष व्यापार मंडल पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा, मैं सभी का धन्यवाद करता हुं जो मेरे प्रति,मेरी प्रतिष्ठा के लिए चिंतित हैं।

ये खबर विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने खुद लिखी ताकि सबको संदेश मिले, रिश्ते वो है जो आपकी फ्रिक करें। खबर के बाद मैं अपने आप को अपमानित महसूस नहीं कर रहा, मुझे खुशी है कि देश की संस्कृति में शरीर मरते हैं, रिश्ते नहीं।

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