ईश्वर के फरिश्ते का रोल निभा रहे हैं मोदी-भारत में तीव्र गति से बढ़ती हुई गरीबों की जनसंख्या

 


भारत में तीव्र गति से बढ़ती हुई गरीबों की जनसंख्या-ईश्वर के फरिश्ते का रोल निभा रहे हैं मोदी

विरेन्द्र चौधरी/अरविन्द चौहान 

बागपत। वरिष्ठ नेता पश्चिमांचल निर्माण संगठन अमित चाहल ने कहा कि सन् 2013 तक मुफ्त में अनाज देने की योजना में लगभग 43 करोड लोग थे। मोदी जी ने वादे तो बहुत बड़े-बड़े किए थे लेकिन 2021 आते आते मुफ्त में अनाज लेने वाले गरीबों की संख्या 43 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ हो गयी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आज घोषणा की है कि अब मुफ्त में अनाज लेने वालों की संख्या 81.35 करोड़ हो गई है।अर्थात पिछले 2 वर्षों में 1.35 करोड लोग और अधिक गरीब हो गए। अडाणी जी जैसे उद्योगपतियों की संपत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है। उसी रफ्तार से श्री मोदी जी के सत्ता में आने के बाद गरीबों की संख्या भी दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ रही है। फिर भी  देश में यह अवधारणा पैदा की जा रही है कि देश विकास कर रहा है । गरीबों की संख्या बढ़ाकर उन्हें मुफ्त में 5 किलो राशन देकर मानो  ईश्वर के फरिश्ते का रोल निभा रहे हैं। यह गरीब मुफ्त में 5 किलो अनाज मिलने को ही देश का विकास समझेंगे और धीमे जहर की तरह उनके दिमाग में यह बैठाया जा रहा है कि श्री मोदी जी ही ऐसा फरिश्ता है जो हमें मुफ्त में 5 किलो अनाज दे रहा है और उसी की बदौलत आज हम जिंदा हैं अन्यथा मर ही जाते,अर्थात गरीबों की संख्या बढ़ाकर उन्हें मुफ्त में अनाज देना ही देश का विकास हो गया।

गजब की राजनीतिक चाल है,गरीबी बढ़ाओ, उनको दिग्भ्रमित करके उनके मत प्राप्त करते रहो और सत्ता का आनंद लेते रहो। सभी के दिमाग में यह अच्छी तरह बैठा दो , कि देश विकास कर रहा है और विश्वगुरु है।

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