माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय” के संशोधित नाम “माता शाकम्भरी राज्य विश्वविद्यालय” किए जाने की हुई संस्तुति

 माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय” के संशोधित नाम “माता शाकम्भरी राज्य विश्वविद्यालय” किए जाने की हुई संस्तुति 


विरेन्द्र चौधरी/अतुल शर्मा 

सहारनपुर।“दिव्य शक्ति अखाड़ा” के आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमलकिशोर और राष्ट्रपति से सम्मानित शिक्षक,पत्रकार  चिरंजीलाल पंत और सहारनपुर के धर्म गुरुओं पंडित अनिल कोदंड श्यामसखा, पंडित उद्धव कोदंड श्यामसखा, पंडित अरुण जी , पंडित शिवम देव वशिष्ठ, पंडित अमित देव वशिष्ठ  के संयुक्त प्रयास से माननीय मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ जी को पत्र लिख कर “माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय” नाम में  “शाकम्भरी” के स्थान पर “शाकुम्भरी” लिखे जाने की त्रुटि की ओर ध्यान आकृष्ट करवाया गया था । इस संदर्भ में  दुर्गा सप्तशती, श्रीमद्ददेवीभागवत, मूर्ति रहस्य, मार्कण्डेय पुराण, स्कन्द पुराण मे माँ के नाम शाकम्भरी के प्रमाण भी प्रस्तुत किए गए थे।   

प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्र में उल्लेखित त्रुटि का संज्ञान लेते हुए मुख्यमन्त्री के संयुक्त सचिव श्री भास्कर पांडेय तथा मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विभाग ने  सहारनपुर के माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय के कुलसचिव और रजिस्ट्रार को अभिमत आख्या प्रेषित करने का आदेश दिया, जिस पर अभिमत देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग गुरु पदमश्री स्वामी भारत भूषण की अध्यक्षता मे राजकीय महाविद्यालय पुंवारका के प्राचार्य डॉ विपिन कुमार गिरि और प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ विजेन्द्रपाल शर्मा की समिति गठित की गई। 

सर्वसम्मति से समिति ने आख्या में बताया कि वस्तुत: “शाकुम्भरी” शब्द न तो व्याकरण सम्मत है और न ही धर्मसम्मत। इतना ही नहीं शिवालिक पर्वतमाला की गोद में स्थित प्राचीन सिद्धपीठ के प्रवेश-द्वार पर भी “माँ शाकम्भरी” शब्द ही अंकित है । परिणामतः “शाकम्भरी” शब्द ही उचित है।

समिति द्वारा ‘माँ’ शब्द पर भी गहन विचार किया गया ! विश्वविद्यालय के नाम को अँग्रेजी में लिखते हुए ‘माँ’ शब्द का रूपान्तरण दो प्रकार से किया जाएगा – MAA अथवा MAAN.पहला शब्द ‘MAA’ ‘माँ’ शब्द की मूल भावना के अनुरूप नहीं होगा, क्योंकि इसका हिन्दी रूपान्तरण ‘मा’ होगा, जिसका अर्थ होगा ‘नहीं’, जैसे- ‘मा फलेषु कदाचन’ (फल पर अधिकार नहीं)! फलस्वरूप ‘मा’ जैसा नकारात्मक शब्द ग्राह्य नहीं है ! दूसरा शब्द ‘MAAN’ का उच्चारण हिन्दी में ‘मान’ के रूप में किए जाने के कारण इसे भी प्रयुक्त नहीं किया जा सकता ! अतः समिति का मत है कि ‘माँ’ के स्थान पर ‘माता’ शब्द अधिक उपयुक्त रहेगा, जिसे अँग्रेजी में ‘MATA’ लिखा जाएगा ! वैसे भी हमारे देश में देवियों के लिए ‘माँ’ के अतिरिक्त ‘मइया’ अथवा ‘माता’ शब्दों का सम्बोधन अधिक प्रचलन में है ! उदाहरणस्वरूप– माता वैष्णो देवी, माता चिंतपूर्णी, माता पार्वती, माता सरस्वती आदि !

समिति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की  स्थापना के समय इसका नाम ‘सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर’ निर्धारित हुआ था, जिससे इसके शासकीय होने का भाव प्रदर्शित होता था ! तत्पश्चात उत्तर प्रदेश शासन ने इसका नाम ‘माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर’ कर दिया ! समिति के मतानुसार  यदि विश्वविद्यालय के प्रारम्भिक नाम ‘सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर’ से ‘राज्य’ शब्द को भी संशोधित नाम ‘माता शाकम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर’ में जोड़ दिया जाए तो विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं तथा जनमानस में इसकी गरिमा एवं आकर्षण और भी अधिक बढ़ जाएगा ! समिति ने संस्तुति करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के नामकरण में ‘शाकुम्भरी’ शब्द के कारण हुई गंभीर चूक का तत्काल निराकरण किया जाना अनिवार्य है ! समिति इस हेतु ‘माता शाकम्भरी राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर’  नाम प्रस्तुत करती है ।

ज्ञात हो कि इससे पहले पंजाब नैशनल बैंक इस त्रुटि को सुधार चुका है। लेकिन अभी लोक निर्माण विभाग और सहारनपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सड़कों पर लगे संकेतक बोर्डों पर इस त्रुटि मे संशोधन होना शेष है।  

अंत मे संयोजक धीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने सहारनपुर के नागरिकों की ओर से शासन प्रशासन, गठित समिति के सदस्यों, विश्वविद्यालय के कुलपति एवं रजिस्ट्रार आदि का सकारात्मक कार्यवाही हेतु धन्यवाद प्रकट किया !

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