फीस प्रतिपूर्ति के बकाये भुगतान को लेकर शिक्षक कर सकते हैं शिक्षा विभाग कार्यालय पर तालाबंदी --अशोक मलिक

 28 फरवरी तक फीस प्रतिपूर्ति का बकाया भुगतान नहीं तो शिक्षा विभाग कार्यालय पर होगी तालाबंदी डॉ अशोक मलिक


अतुल शर्मा/डी पी सिंह 

सहारनपुर।21 फरवरी 2023  बेरी बाग स्थित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अशोक मलिक के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के द्वारा निजी स्कूलों की विभिन्न समस्याओं को लेकर बीएसए का घेराव कर आरटीई का गत 4 वर्षों का गरीब दुर्बल वर्ग के निशुल्क बच्चों का बकाया फीस प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा नहीं दी गई इसी से आक्रोशित होकर करीब 1 घंटे तक कार्यालय में आक्रोशित स्कूल संचालकों व अभिभावकों ने बीएसए अम्बरीश कुमार को घेरे रखा। इसके उपरांत स्कूलों की विभिन्न समस्याओं को लेकर  जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा श्रीमान प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को 11 सूत्रीय ज्ञापन दिया गया।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक मलिक ने कहा की सरकार की संवेदनहीनता उजागर हो चुकी है गत 4 वर्षों से सरकार के द्वारा थोपे गए गरीब दुर्बल वर्ग के बच्चों को निजी स्कूल संचालक शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन  संवेदनहीन सरकार निजी स्कूलों का गत 4 वर्षों से जांच और सूचनाओं के नाम पर बार-बार शोषण करने का काम कर रही है। मलिक ने कहा कि गत 2016 से  2019 तक आधा अधूरा फीस प्रतिपूर्ति दी गई,बार-बार अनुरोध के उपरांत भी शिक्षा विभाग संज्ञान लेने को तैयार नहीं हैं। 28 फरवरी तक बकाया सभी भुगतान सरकार ने नहीं दिया तो बीएसए कार्यालय पर तालाबंदी की जाएगी जिसका उत्तरदायी शासन प्रशासन व शिक्षा विभाग का होगा।

जिला महामंत्री हंस कुमार महानगर अध्यक्ष गयूर आलम ने कहा की शिक्षा विभाग मान्यता के नवीनीकरण के लिए निजी स्कूल संचालकों का शोषण करते हैं।  इस प्रकार प्रथम बार ही स्थाई मान्यता होनी चाहिए आरटीई के अंतर्गत गरीब दुर्बल वर्ग के बच्चों को निजी संस्थान 25 पर्सेंट बच्चे निशुल्क पढ़ाते हैं इस प्रकार निजी स्कूलों के अध्यापकों को 25% अध्यापकों को वेतन परिषदीय अध्यापकों को बराबर दिया जाए।

 महामंत्री मुजाहिद नदीम आशिम मलिक डॉक्टर जावेद ने कहा कि त्रिभाषा शिक्षक भुखमरी के कगार पर है हिंदुत्व का राग आने वाली वर्तमान सरकार भारतीय संस्कृति का सुरक्षा कवच कहलाने वाली भाषा के प्रति संवेदनहीन है। त्रिभाषा संस्कृत अनुदान अविलंब बहाल किया जाए।

अभिभावक संघ की ओर से जहीर तुर्की,भूपेंद्र सिंह एडवोकेट, और विरेन्द्र चौधरी ने कहा कि सरकार की मनसा गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में शिक्षा देने की है और गरीब व्यक्ति का अपना निजी मकान नहीं होता। किराए के मकान से वह आवेदन करता है और उसके बाद किराएदार मकान खाली करा देता है तो सरकार द्वारा निशुल्क आवंटित छात्रों को दूसरे स्कूलों में स्थानांतरित कराने के आदेश होने चाहिए। गत 4 वर्षों का बच्चों की ड्रेस और बुक्स का रूपये 5000 अभिलंब भुगतान किया जाए।

इस अवसर पर मेहताब अली, परवेज आलम, उमा बाटला,श्रीमती अनीता, धीरज, सोनिया नेगी, अमजद अली एडवोकेट, वीरेंद्र पंवार, खदीजा, तौकीर,शबाना सिद्दीकी,भोपाल प्रधान उनाली, कुलदीप कुमार, जावेद, हंस कुमार, मोहम्मद तबरेज आदि उपस्थित रहे।

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