युवाओं के टूटे सपनों का घर है पश्चिम प्रदेश••आज़ादी में आज़ादी की तलाश है••टूटे सपनों के जिम्मेदार भी युवा ही है••अपनी हताशा के जिम्मेदार भी युवा है••हम तो लड़ रहे हैं उनके लिए -- विरेन्द्र चौधरी
डी पी सिंह/नीतीश
सहारनपुर। पश्चिम प्रदेश के युवाओं और उनके अभिभावकों के लिए टूटे सपनों का घर है पश्चिम प्रदेश। आज़ादी के बाद से आज तक इन्हें आज़ादी में आज़ादी की तलाश है। यानि सामाजिक न्याय और आर्थिक आज़ादी की तलाश। इनकी तलाश तो पूरी हुई नहीं, पश्चिम प्रदेश के अधिकांश युवा अपने कैरियर को लेकर हताश हैं। इसके लिए दोषी भी युवा और उनके अभिभावक ही है।
हताश क्यों है ?
आप सब लोग जानते हैं उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूरब का दबदबा है। इसी कारण तमाम सुविधाएं पूरब खींच लेता है जबकि उत्तर प्रदेश के राजस्व का लगभग 72 प्रतिशत राजस्व पश्चिमी उत्तर प्रदेश देता है। इक्का-दुक्का को छोड़कर सारी सरकारी यूनिवर्सिटी पूरब में है, पश्चिम प्रदेश प्राईवेट यूनिवर्सिटी का हब है,जो लूट का अड्डा है। उदाहरण सरकारी यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग फीस बहुत कम है, एमबीबीएस की फीस बहुत कम है। पश्चिम में जो एज्युकेशन हब है, इंजीनियरिंग के लिए लाखों और एमबीबीएस के लिए एक करोड़ से ऊपर वसूलते हैं। ये ही हाल आईआईटी,बीसीए,बीबीए, एमबीए आदि का है। जब छात्र ड्रिगी के बाद नौकरी तलाशता है तो पता चलता है अधिकांश युवा पूरब से सिलेक्ट कर लिये गये है। लाखों और करोड़ रुपए खर्च करने के बाद 10--15 हजार की नौकरी करने को मजबुर है।ये ही उसकी और उसकी हताशा का कारण है।
दोषी क्यों है ?
दोषी इस लिए है, आज़ादी के बाद से ही विभिन्न संगठन पश्चिम प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए आंदोलन चला रहे हैं। ताकि यहां का राजस्व यहीं के विकास में लगे। स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरी मिलें, लाखों नये रोजगार पैदा हो।हर घर में रोजगार हो। लेकिन यहां के युवाओं ने कभी अपने को आंदोलन से नहीं जोड़ा। क्योंकि मानसिकता है दोबारा भगत सिंह पैदा हो आंदोलन करें हमें न्याय दिलाये। लेकिन वो आंदोलनकारी भगत सिंह पड़ोसी के यहां पैदा हो। अगर युवाओं को सरकारी नौकरी चाहिए, खिलाड़ियों को सरकारी सुविधाएं चाहिए, विकास चाहिए रोजगार चाहिए तो पश्चिम प्रदेश आंदोलन से जुड़ना ही होगा। जिस दिन युवाओं ने खुद को पश्चिम प्रदेश आंदोलन से जोड़ लिया उस दिन उनका भविष्य सुनहरा होगा। नहीं तो कहते फिरो इतना पैसा पढ़ाई में खर्च किया,इतनी मेहनत की फिर भी हम खाली हाथ है।
विरेन्द्र चौधरी |
युवाओं और उनके अभिभावकों से मार्मिक अपील::आप लोग अलग राज्य पश्चिम प्रदेश के लिए आंदोलन से जुड़े, सड़को पर उतरो,तभी आपके सपने साकार होंगे। वरना कहते रहो,रात को तकिये में मुंह छिपा कर रोते रहो,और कहते रहो टूटे सपनों का घर है पश्चिम प्रदेश। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष 8057081945--9410201834
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