खबर तो कुछ भी नहीं है मगर फिर भी छापनी जरूरी थी क्योंकि

 खबर तो कुछ भी नहीं है मगर फिर भी छापनी जरूरी थी क्योंकि-ईमानदारी जिंदा है


विरेन्द्र चौधरी

सहारनपुर। खबर तो कुछ भी नहीं है,सच खबर कुछ भी नहीं है,मगर छापनी जरूरी है,ताकि किसी बच्चे का हौंसला और जज़्बा ताउम्र कायम रहे।

मामला है दिल्ली रोड़ पर एक मुस्लिम बच्चा जिसका नाम अंगूर बेचता है, हमनें वहां से अंगूर खरीदें,और बाइक की डिग्गी में डाल लिये। घर पहुंचे तो उसमें अंगूर नहीं थे। किसे क्या कहें कहां गिर गये। चलो अंगूर खो गये ये कोई मुद्दा नहीं है।

अगले दिन हम फिर अंगूर लेने गये, हमें देखते ही बच्चे ने कहा अंकल जी कल आपके अंगूर डिग्गी में नहीं रखें गये,यंही गिर गये थे। और उसने हमारे अंगूर वापसी कर दिये।

खबर इसलिए छपी कि सवाल नियत का था। खबर को देखकर ताउम्र उसकी ईमानदारी, ईमान,नियत जिंदा रहेंगे साथ ही जो बच्चा इस खबर को पढ़ेगा शायद वो भी ईमानदार रहना पसंद करेगा।

विरेन्द्र चौधरी पत्रकार अंर्तराष्ट्रीय पहलवान विनोद जी अ०प्रा०कर्नल सुधीर हमारा कहना है पश्चिम के नेताओं के भरोसे मत रहो,ये लखनऊ और दिल्ली में नतमस्तक है, हमारे साथ आओ सड़कों पर उतरेंगे,सामाजिक न्याय और आर्थिक आज़ादी लेकर घर लौटेंगे-संपर्क सुत्र••9410201834--8057081945

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