पहलवान बहन बेटियों के मान सम्मान स्वाभिमान और उनके समर्थन में .. चौधरी धर्मवीर नेता बसपा का ब्यान‌ ..

 पहलवान बहन बेटियों के मान सम्मान स्वाभिमान और उनके समर्थन में .. चौधरी धर्मवीर नेता बसपा का ब्यान‌  ..

विरेन्द्र चौधरी


पहलवान बहन बेटियों के मान सम्मान स्वाभीमान और उनके समर्थन में .. एक सामंतवादी पूंजीवादी व्यवस्था के पोषक घोर अत्याचारी विकृत मानसिकता के अन्यायकरी दुराचारी नेता के लिए में इतिहास के पटल से कुछ लिख रहा हूं .....

देश के अंधे और बहरे हो चुके हुक्मरानों और उनके सिपहसालार कोमी चिंटुओ को कि अगर गेरत बची हो तो डूब मरो कहीं चुल्लू भर पानी में क्यों कि आपका नाम समय की धारा के उस मुहाने पर लिखा जायेगा जैसे महाभारत काल में द्रोपती के चीरहरण में ध्रात्रराष्ट और उनके सहयोगियों का लिखा गया था ।

और रही बात बेटियों पर अत्याचार और यौन शोषण के लिए न्याय की तो न्याय तो ज़रूर मिलेगा थोड़ी देर ही सही मिलेगा ज़रूर ।

लेकिन तब तक आपकी और आपके चिंटूओ की थू थू हो चुकी होगी हो सकता है आप राजनीतिक लाभ के लिए 36/1 के फार्मूले पर सफल भी हो जाय लेकिन वो सफलता भी आपकी नैतिक हार ही होगी । क्यों कि जिस सुचिता की बाते आपने कही थी वो सब हवा हवाई हो गई हैं 

 मैं इस पोस्ट के माध्यम से एक मैसेज सांसद बृजभूषण और उनके कोमी सहयोगियों को भी देना चाहता हूं जिनका वर्तमान में एक दूसरे के सहयोग का अहंकार सिर चढ़ कर बोल रहा है उनको इतिहास के आईने से कुछ प्रकरण पढ़ने की सलाह में ज़रूर दूंगा । 1765 - 66 को जब महारानी किशोरी देवी ने भरतपुर महाराजा जवाहर सिंह को पुष्कर में स्नान करने के लिए आदेश दिया तब उस पवित्र झील पर भी आपके ही समकालीन सोच के सामंतवादी तथाकथित राजपूत राजाओं का ही कब्जा था और वहां घाट पर अन्य किसी भी समाज को स्नान की इजाजत नहीं थी लेकिन हमने आपके उस घमंड़ और तानाशाही के अहंकार को चकनाचूर किया था और महारानी किशोरीदेवी जी को सह सम्मान स्नान करा कर वापस लोटे थे ।

 दुसरा उदाहरण आप लोगों ने अभी कुछ वर्ष पहले धर्मेन्द्र की एक फ़िल्म गुलामी ज़रूर देखी होगी उसमें भी पीने के पानी को लेकर आपके लोगों की सोच सामने आई थी जब कुएं पर वैसी ही सामंतवादी और जातिवादी सोच जो आपके लोगों की है उनको प्रताप चौधरी नाम के एक साधारण युवक ने खदेड़ खदेड़ कर मार गिराए था अगर नहीं समझ मे आ रहा हो तो गुलामी फिल्म दुबारा देख लेना ।

तीसरा उदाहरण बीते तो ज्यादा समय नहीं हुआ हैं जब किसान नेता बाबा टिकैत ने भरी सभा में करवे से पानी पिलाया था । तुम्हारे लिए तीन डोज का ही उदाहरण अभी ठीक है बाकी उदाहरण तो मेरे पास सैकड़ों है । चिंटूओ अब देश में एक मज़बूत संविधान है और मजबूत जेल की दिवार है जो अपराधियों के लिए ही बने है अपराधी चाहे कितना भी बड़ा और शातिर क्यों ना हों .........!!





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