हाजी इकबाल के साथी खनन धंधेबाज हिस्ट्रीशीटर की शिकायत गृहमन्त्री से••भाकियू महानगर अध्यक्ष मुकेश तोमर ने अवैध अर्जित सम्पत्ति को राज्य सरकार में दर्ज करने की मांग उठाई••हाजी पर कार्यवाही तो वेदपाल सिंह पर क्यों नही : तोमर
अरविन्द नैबसहारनपुर।भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के महानगर अध्यक्ष मुकेश तोमर ने केन्द्रीय गृहमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर हाजी इकबाल के साथी रहे हिस्ट्रीशीटर खनन के धंधेबाज वेदपाल सिंह की अकूत सम्पत्ति एवं कार्यशैली की जांच कराकर अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति राज्य सरकार में दर्ज करने की मांग की है।
केन्द्रीय गृह मंत्री को भेजे ज्ञापन में मुकेश तोमर ने बताया कि खनन के अवैध कारोबार में संलिप्त रहे हाजी इकबाल के साथी एवं थाना सदर बाजार हाल निवासी दयाल कालोनी वेदपाल सिंह पुत्र सुखबीर सिंह जिला शामली के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि वेदपाल सिंह ने भी हाजी इकबाल के साथ मिलकर खनन के अवैध धन्धे से अकूत सम्पत्ति अर्जित की है जिसमें हाजी इकबाल पर तो कार्यवाही हो चुकी है तथा वेदपाल सिंह पर अभी कार्यवाही लम्बित है, जबकि वेदपाल सिंह कुख्यात सुशील मूंछ एवं बदन सिंह बद्दो जैसे बदमाशों का नाम लेकर लोगों में दहशत फैलाता है और लोगों की सम्पत्ति हड़पने का भी काम करता है।
मुकेश तोमर ने भेजे शिकायती पत्र में भी यह भी बताया कि वर्तमान में भी वेदपाल सिंह ने अपनी पत्नी एवं बच्चों के नाम पर कई दुकानें, मकान, स्टोन क्रेशर एवं डम्पर आदि चला रखे हैं। वेदपाल सिंह की पत्नी श्रीमती विजय देवी, पुत्र दीपक चौधरी एवं आकाश चौधरी के नाम पर बेहट के बरथा कोरसी में खनन पट्टा स्टार माइन्स के नाम पर, आकाश गंगा स्टोन क्रेशर बाबा बंदा सिंह बहादुर-रायपुर(बेहट) चार मकान हकीकत नगर पंजाबी बाग, मल्हीपुर रोड स्थित विनोद विहार में दुकानें एवं प्लाट, देहरादून में होस्टल, बरथा कोरसी में जमीन, अबुतालिबपुर(बेहट) में जमीन खरीद चुका है। इसके द्वारा अर्जित समस्त सम्पत्ति खनन के अवैध कारोबार से की गई है जिसकी उच्च स्तरीय जाँच से ही इसके अन्य धंधे भी सामने आ जायेंगे। इसके द्वारा किसान मसीहा मा0 राकेश टिकैत पर भी अभद्र टिप्पणी करने की निन्दा करते हुए यह भी आग्रत करता हूँ कि ऐसे व्यक्ति की अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति राज्य सरकार में दर्ज होनी चाहिए ताकि अन्य भी ऐसा करने की हिम्मत नहीं कर सके। वेदपाल सिंह एवं उसके परिवार के पास ये सम्पत्ति कहां से और कैसे तथा किस कालखण्ड में आई है यह भी विस्तृत/उच्च स्तरीय जांच का हिस्सा होना चाहिए।
Comments
Post a Comment