पोषण भी पढाई भी, कार्यक्रम के अन्तर्गत हुआ लाईव पढाई पाठशाला का आयोजन••बच्चों की क्षमताएं विकसित करते हुए उनकी प्रतिभाओं को निखारें - बेबी रानी मौर्य
गगन सूद/तरूण कुमार
सहारनपुर। पोषण 2.0 एवं सक्षम आंगनवाडी कार्यक्रम के अन्तर्गत आंगनवाडी केन्द्रो को शिक्षा के केन्द्र के रुप में विकसित करने हेतु “पोषण भी पढाई भी” के अन्तर्गत पढाई पाठशाला का वेबकास्ट एन.आई.सी. सहारनपुर में किया गया।लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मा0 मंत्री महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उत्तर प्रदेश श्रीमती बेबी रानी मौर्य एवं राज्य मंत्री, महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार श्रीमती प्रतिभा शुक्ला द्वारा लाईव प्रसारण का शुभारम्भ किया गया।
श्रीमती बेबी रानी मौर्य द्वारा पोषण 2.0 एवं सक्षम आंगनवाडी कार्यक्रम के अन्तर्गत कहा कि आंगनवाडी केन्द्रों के बच्चों को सर्वांगीण विकास के लिए ई.सी.सी.ई. सामग्री कविता के माध्यम से सिखाया जाए क्योंकि 03-06 वर्ष का बच्चा शीघ्रता से सीखता है। उन्होने कहा कि बच्चों की रूचि को जानते हुए खेल-खेल में बच्चों को सिखाएं। बच्चों की क्षमताएं विकसित करते हुए उनकी प्रतिभाओं को निखारें।
विशेषज्ञ सुश्री सुखना साहनी द्वारा बच्चों के मस्तिष्क के विकास विषय पर महत्वपुर्ण जानकारी दी गयी। उनके द्वारा बताया गया कि 05 वर्ष की आयु तक बच्चे के मस्तिष्क का विकास 85 प्रतिशत हो जाती है सीखने की क्षमता 05 वर्ष तक बढ़ती है इसके उपरान्त कम हो जाती है।
विषय विशेषज्ञ ऋत्विक पात्रा द्वारा आई.सी.डी.एस. के विभिन्न एप सहयोग, बाल पिटारा, यूनिलर्न, एक संग ऐप के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। सहायक निदेशक निपसीड श्रीमती लीना कुमारी द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों में उपलब्ध भौतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ ही विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रारम्भिक शिक्षा के महत्व, भौतिक संसाधनों का प्रभावी उपयोग, डिजिटल संसाधनों का प्रभावी उपयोग आदि विषयों पर चर्चा की गयी।
एन.आई.सी. सहारनपुर में वेबकास्ट के दौरान जिलाधिकारी डॉ0 दिनेश चन्द्र, मुख्य विकास अधिकारी श्री विजय कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री नन्द लाल प्रसाद, एडीआईओ मो0 दानिश सहित समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं प्रभारी मौजूद रहें।
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