टीचर प्रकरण। आजमगढ़ टीचर प्रकरण को लेकर सहारनपुर तक रोष देखें पूरी खबर

 

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर । आजमगढ़ की घटना के विरोध में आज उ0प्र0 मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ ने प्रदेश अध्यक्ष डा.अशोक मलिक के नेतृत्व में हकीकत नगर के धरना स्थल पर जमकर विरोध किया तथा अपनी मांगांे का ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुस्थिति में एसडीएम आर. राम्या को ज्ञापन सौंप दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की गयी। 

इससे पूर्व हकीकत नगर के धरना स्थल पर निजी विद्यालय के शिक्षकांे ने धरना दिया धरने को सम्बोधित करते हुए डा.अशोक मलिक ने कहा कि गत दिवस आजमगढ़ के सुमार चिल्ड्रन गर्ल्स इण्टर कालेज में हुई घटना बेहद निदंनीय है, जिसमें बिना जांच किये ही प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही की गयी जो कि न्यायोचित नहीं है। किसी भी अभिवावक को बिना बच्चे का संज्ञान लिए शिक्षकों को आरोपित करना 

प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों के मान सम्मान और स्वाभिमान को ठेस पहुंचाना है। ऐसी घटनाओं पर विराम लगना चाहिए क्योंकि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है। शिक्षक बच्चों के भविष्य को संवारने का कार्य करते हैं न कि उन्हें अपराधिक प्रवृत्ति की ओर ढकेलना का। शिक्षकांे पर एफआईआर दर्ज करना गलत निर्णय है। उन्होंने एक्ट के अनुसार सुरक्षा कानून बनाया जाये।

जिलाध्यक्ष के.पी.सिंह व प्रदेश सचिव अमजद अली एडवोकेट ने कहा कि निजी स्कूलों की सुरक्षा हेतु आयोग का गठन हो,निजी स्कूलों के प्रकरण में पहले जांच हो उसके बाद सही निर्णय लिया जाये,विधायक व सांसदांे की कोर्ट अलग होती है, उसी प्रकार शिक्षकांे की भी कोर्ट अलग होनी चाहिए क्योकि शिक्षक समाजसुधार का कार्य करता है, निजी स्कूलों में अनुशासन बनाये रखने का अधिकार प्रधानाचार्य/शिक्षकों का होता है। इसलिए इसमें किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। 

धरने को सम्बोधित करते हुए महानगर प्रभारी अजय रावत व महानगर अध्यक्ष गयूर आलम, धनेन्जय शर्मा ने कहा कि आजमगढ़ की घटना में प्रधानाचार्य व शिक्षकांे पर हुए मुकदमे को अविलम्ब वापिस लिया जाये और जिन अधिकारियों के दबाव में मुकदमा कायम हुआ है उन्हें बर्खास्त किया जाये, आजमगढ़ में जिस बालिका द्वारा आत्महत्या की गयी है, उसने अपने अभिभावको के भय के कारण सुसाइड किया है, क्यांेकि जब विद्यालय प्रधानाचार्य व शिक्षकों ने अभिभावकों को विद्यालय में बुलाया गया तो अभिभावक के आने के डर के कारण उसने ऐसा कदम उठाया उसमें अभिभावक दोषी है न ही 

प्रधानाचार्य व शिक्षक इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए दर्ज मुकदमे को वापिस लिया जाये, सड़क पर स्कूली वैन या कैब के दुुर्घटना ग्रस्त होने पर स्कूल संचालकों को ही दोषी माना जाता है। जबकि इस दुर्घटना से स्कूल संचालकों का कोई लेना देना नहीं होता है क्योंकि यह दुर्घटनाएं जाम, अतिक्रमण अथवा अन्य कारणों से होती है।  इस प्रकार की घटनाओं पर स्कूल प्रशासन को दूर रखना चाहिए। 

धरने को मदरसो की ओर से मौलाना जहीर अहमद जिला अध्यक्ष जमीयत उलेमा ए हिंद और मौलाना शाहिद महानगर अध्यक्ष डॉक्टर मुगेशी साहब जी नाजिम मदरसा घोगरेकी ने समर्थन देते हुए कहा कि हम हर इंसाफ की लड़ाई में भाईचारे को कायम रखते हुए हिंदू मुस्लिम एकता  के लिए मजबूत राष्ट्र का निर्माण मैं मदरसे बोर्ड अपने यूपी बोर्ड को और अन्य बोर्डो को अपना सर्वोपरि मानते हुए कंधे से कंधा मिलाकर आपके हर लड़ाई में साथ रहेंगे

धरने के पश्चात निजी स्कूल संचालक व शिक्षक जोरदार नारेबाजी करते हुए हाथों पर काली पटटी बांधकरी जुलूस के रूप मंे जिला मुुख्यालय पहुंचे और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर डीएम की अनुपस्थिति मंे एसडीएम आर0 राम्या को ज्ञापन प्रेेषित कर अविलम्ब कार्यवाही की मांग की गयी तथा चेताया कि यदि निजी स्कूलों को राहत देने का कार्य किया जाये तथा मामले के सही दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये तथा 

प्रधानाचार्य व शिक्षकों पर दर्ज मुकदमों को वापिस लिया जाये अन्यथा शिक्षक संघ सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन व चक्का जाम करने को बाध्य होगा। 

प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से प्रकाश पाण्डेय, नकलीराम उपाध्याय, नकुल खन्ना, कमल किशोर अग्रवाल, महेश कुमार बजोला, ऋषभ जैन, वजाहत अली खान, मुजाहिद हस, धीरज कुमार, शिवम, जयपाल सिंह सैनी, कर्ण सिंह, विकास कुमार, शीशपाल सिंह, वसीम अहमद, राजकुमार, संजय रोहिला, रविन्द्र गुप्ता, कविता सैन, के.पी.सिंह, अमजद, गयूर, ऋचा, अंजली, अरमान शाह, संदीप, रविन्द्र कुमार गुप्ता प्रीति, आयुषी नेगी डा.मौ.तौकिर, वेदपाल सिंह, नकली राम उपाध्याय, अशोक सैनी, देवरानी, धनजय शर्मा, शान इलाही शमसी, असगर अली, श्रीमती अनिता धीरज, अनुजा चौधरी, नारायण दास, कमल किशोर अग्रवाल, नितिन सैनी, नवीन सैनी, अरमान शाह, ध््राुव सूद, अजय रावत,दीपक दास आदि मौजूद  रहे।



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