जिंदा सात सांसदो का पिंडदान किया, जाने कौन है ये बुंदेलखंड आंदोलनकारी, क्यूं किया सांसदों का पिंडदान, एक को क्यूं छोड़ा ?
पहूज नदी के धोबी घाट पर सांसदों की सांसदी का पिंडदान करते बुंदेलखंड के आंदोलनकारी |
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के पुर्नगठन को लेकर पूर्वांचल से लेकर अवध, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व बुंदेलखंड में अपने अपने वजूद के लिए आंदोलन चल रहे हैं। लेकिन सरकार और क्षेत्रीय सांसद आवाज उठाने के बजाय खामोशी बनाये हुए हैं। इसी के चलते बुंदेलखंड में आक्रोश इतना बढ़ गया कि वहां आंदोलनकारियों ने पहले सभी सातो सांसदों के पुतले जलाए फिर नदी किनारे विधि विधान से उनके पिंड दान कर उन्हें मृत मान लिया। मातृ शक्ति मानते हुए महिला सांसद को बक्श दिया।
खबर के अनुसार बुंदेलखंड राज्य निर्माण को लेकर आंदोलनकारियों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह पूर्व मंत्री उमा भारती व खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन साल में बुंदेलखंड के गठन का वादा किया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अवैध खनन रोकने व हर बुन्देली को एक मारूति कार देने का वादा किया था। उमा भारती ने तो पृथक हाईकोर्ट देने का वादा किया था। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय का कहना है कि उमा भारती से लेकर प्रधानमंत्री तक ने वादा ना निभाकर हर बुंदेलखंडी का अपमान किया है, उनके साथ छल कपट किया है।
बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने हमारे संवाददाता को बताया कि हमने सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल द्वारा लोकसभा में बुंदेलखंड राज्य पुनर्गठन के संबध में जो बोला, जनता को दिखाया।साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योति निरंजन, सांसद प्रज्ञा ठाकुर,सांसद साक्षी महाराज के बुंदेलखंड के बारे में, इसके अलावा पश्चिम प्रदेश से आने वाले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान,सांसद मलूक नागर व ओमप्रकाश राजभर द्वारा पूर्वांचल प्रदेश के पक्ष में जो कुछ कहा वो भी जनता को वीडियो के माध्यम से दिखाया। लेकिन क्षेत्रीय सांसद चुप्पी साधे हुए हैं। जिसे लेकर जनता में भारी रोष है। इसीलिए निर्णय लिया गया कि बुंदेलखंड के सांसद मृतप्राय है।इन जनप्रतिनिधियों ने अपनी जन्मभूमि बुंदेलखंड की आवाज ना उठाकर जनता के विश्वास को तोड़ा है। बुंदेलखंड की जनता के साथ गद्दारी की है। ऐसे लोगों का पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। बुंदेलखंड राज्य पर मौन साधने वाले कभी आसीन ना हो, बुंदेलखंड की जनता छली ना जा सके,इसलिए इनका पिंडदान कर देना चाहिए।
विगत दिनों बुंदेलखंडी आंदोलनकारियों ने सातो सांसदों का पहले पुतले दहन किये, बाद में पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती द्वारा गोद ली गई गंदगी से भरी बदबू मारती हुई पहूज नदी के धोबी घाट पर पिंडदान किया गया।
सनद रहे जिन सांसदों की सांसदी का पिंडदान कर विर्सजन किया, उनके नाम सांसद प्रहलाद पटेल, वीरेंद्र खटीक,भानू वर्मा, विष्णु दत्त शर्मा, अनुराग शर्मा, राजबहादुर सिंह व आर के पटेल है। भानू प्रताप सहाय ने बताया कि सांसद संध्या राय की सांसदी का पिंडदान नहीं किया गया क्योंकि वो एक महिला है और हम बुंदेली योद्धा महारानी लक्ष्मीबाई के वंशज होने के नाते नारी सम्मान करते हैं। लेकिन पूरा प्रयास रहेगा कि अगली बार संध्या राय चुनाव ना जीत सकें।
पिंडदान करने वालो में एडवोकेट अशोक सक्सेना, रघुराज शर्मा, गिरिजा शंकर राय, अनिल कश्यप,हनीफ खान,गोलु ठाकुर, प्रदीप गुर्जर, गोविंद सोनकर,प्रेम सपेरा, शंकर रायकवार, देवेन्द्र रायकवार, विक्की रायकवार,कुंवर बहादुर आदिम, जगमोहन मिश्रा, नरेश वर्मा, प्रभु दयाल कुशवाहा सहित दर्जनों आंदोलनकारी उपस्थित रहे। पिंडदान की विधि विधान के साथ पूरी क्रिया बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट भानू सहाय ने पूरी की।
पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा व पश्चिम प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने कहा कि पूर्वांचल,अवध, बुंदेलखंड व पश्चिम प्रदेश के सभी संगठनों को एक मंच पर आकर जंतर-मंतर पर अनशन करना चाहिए ताकि सरकार को उत्तर प्रदेश के पुर्नगठन के लिए बेताब आंदोलनकारियों की ताकत का अंदाजा हो सके।
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