शस्त्र ही वीर योद्धाओं के गहने,विजयदशमी पर मंत्रोच्चारण के साथ योद्धाओं को शस्त्र पूजा अवश्य करनी चाहिए - बाबा परमेन्द्र आर्य

विजयदशमी पर मंत्रोच्चारण के साथ योद्धाओं को शस्त्र पूजा अवश्य करनी चाहिए - बाबा परमेन्द्र आर्य 

विरेन्द्र चौधरी 

मोदीनगर।आज शाम गांव रोरी मे महाराजा सूरजमल अखाड़े मे प्रतिवर्ष कि तरह शस्त्र पूजन कार्यक्रम पारम्परिक रीति से मनाया गया। शस्त्र पूजन कार्यक्रम में  काफी संख्या में पुरूषों और महिलाओं ने भाग लिया। सर्वप्रथम यज्ञ हवन किया गया और शमी के वृक्ष की पूजा की गई व शस्त्रों का मंत्रो द्वारा उच्चारण कर पूजन किया गया व सभी ने अपने अपने शस्त्रों को कलावा बांधा और हल्दी , रोली से तिलक किया। पूजन उपरांत वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे।

बाबा परमेन्द्र आर्य ने कहा सेना व पुलिस के जवान भी विजयदशमी के शुभ अवसर पर शस्त्र पूजा करते है। शस्त्र ही वीर योद्धाओं के गहने होते हैं। वीर पुरूष सदैव हथियार धारण करें रहते है व हथियारों को अपने शरीर का अंग समझते है। प्रत्येक नागरिक को अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा करने का अधिकार है और सुरक्षा शस्त्रों के बल पर होती है। इसलिए सभी शस्त्रों के चलाने का प्रशिक्षण भी लेना चाहिए। विजय दशमी को हम रामचन्द्र जी की विजय के रूप में भी मनातें है । रामजी ने रावण को मारकर सीता माता को सकुशल लंका की अशोक वाटिका से मुक्त कराया था। प्राचीन काल में हमारे यहां गुरुकुलो में शस्त्र और शास्त्र दोनों की शिक्षा दी जाती थी और प्रत्येक युवक व युवती को गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करनी अनिवार्य थी। हमारी शिक्षा पद्धति से सैनिक शिक्षा को हटाया जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को सभी बच्चों के लिए एनसीसी लेना अनिवार्य करना चाहिए।


ओमपाल सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा प्राचीन काल में शस्त्र पूजा सभी मंदिरों में जोर सोर से मनाई जाती थी। लेकिन आज कल तो मंदिर मे उच्ची आवाज में भजन बजाना व नाचना गाना ही ज्यादा चलता है। मंदिर के पुजारी शस्त्र पूजा करानी भुल गए है।

सतेन्द्र तोमर ने कहा किसान व कमेरे वर्ग में ही सबसे अधिक लड़ाके पैदा होते है। और किसान पर जब विपत्ति आती है तो अपने औजारों को ही हथियार बना लेते हैं। कविता चौधरी ने कहा आदि काल में महिषासुर नामक राक्षस को मां दुर्गा ने आज ही के दिन मारा था और इस संसार को संदेश दिया था कि जब भी नारी के परिवार पर  संकट आता है तो नारी मां दुर्गा भवानी बनकर अपने परिवार की सुरक्षा करती है।पूजा उपरांत लड़कों व लड़कियों द्वारा गतका खेल का प्रदर्शन किया गया। लड़कियों द्वारा तलवार बाजी देखकर सभी आश्चर्यचकित थे। छोटे बच्चो ने लाठी से अपनी कला का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया। गतका खेलने वाले सभी खिलाड़ियों को मेडल, ट्रोफी वह अन्य पुष्कर देकर प्रोत्साहित किया गया।

समाज में विशिष्ट कार्य करने वाले नागरिकों को सम्मान प्रतीक व तलवार भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर , विपनेश चौधरी, मनोज कुमार, रविन्द्र राणा, सचिन तेवतिया ,  सुमन चौधरी, डा आशी,नवाब सिंह, विशाल श्योराण, आदि उपस्थित रहे।

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