टुकड़ों टुकड़ों में लड़ रहे हो, इसीलिए कमजोर हो••••अहम छोड़ो आंदोलन जोड़ों, उर्जा को अग्नि में बदल दो - विरेन्द्र चौधरी
टुकड़ों टुकड़ों में लड़ रहे हो, इसीलिए कमजोर हो••••अहम छोड़ो आंदोलन जोड़ों •• उर्जा को अग्नि में बदल दो :: विरेन्द्र चौधरी
विरेन्द्र चौधरी
सहारनपुर।हमें टुकडो में नहीं,बलिक अपने पुरे असित्तव के साथ काम करना चहिये।एक मिशन एक शक्ति का प्रदर्शन करना होगा। तो निश्चित तौर पर भीड़ आपके पीछे चल पड़ेगी। जन - जन को लगना चाहिए आप उनके लिए लड़ रहे है जीत हार बाद की बात है लेकिन आपकी आपकी चर्चाएं शुरु हो जाएगी, आपको जनसमर्थन मिलना शुरु हो जाएगा।
पश्चिम उत्तर प्रदेश मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व पश्चिम प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा के केंद्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी ने अपने जारी बयान में कहा, पश्चिम प्रदेश पुनर्गठन के लिए आंदोलित 'अपवाद को छोडकर' विभिन्न संगठनो के प्रमुखों के अहम के कारण ही उत्तर प्रदेश पुर्नगठन आंदोलन कमजोर पड़ा हुआ है। आंदोलन के लिए ये दुख:द पूर्ण स्थिति है ।
आंदोलनकारी विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने कहा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर मंडल और मेरठ मंडल में दर्जन भर संगठन उत्तर प्रदेश पुनर्गठन के लिए जी जान से आंदोलन चला रहें है।मुरादाबाद मंडल व बरेली मंडल पूरी तरह खामोश है। आगरा मंडल में आंदोलन की गतिविधिया जारी है लेकिन अति धीमी है । उन्होंने कहा मुरादाबाद मंडल, बरेली मंडल में आंदोलन तेज करने की आवश्यकता है। मेरठ मंडल, सहारनपुर मंडल में उत्तर प्रदेश पुनर्गठन को लेकर आंदोलन की गतिविधिया तो तेज है, लेकिन टुकड़े टुकड़े बटी हुई है। इसीलिए कहीं भी कोई जोरदार प्रदर्शन नहीं हो पाता, जो जनता में अपना असर छोड सके। ये बेहद दुखद और शर्मनाक स्थिति है । विरेन्द्र चौधरी ने कहा जब तक कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं होगा आंदोलन जनता में अपनी जगह नहीं बना सकता । इसके लिए जरुरी है विभिन्न संगठनो के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक मंच पर आकर आंदोलन को आक्रामक बनाने की रणनीति पर विचार कर नया रास्ता तलाशे और आंदोलन को बड़ा रूप दे।
जारी बयान में विरेन्द्र चौधरी ने कहा की पश्चिम प्रदेश में हर जाति के मुखियाओ व प्रभावशाली लोगो को विश्वास में लेकर आंदोलन से जोड़े और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे,पश्चिम प्रदेश के आंदोलनकारी संगठनो को चाहिए की वे चाहे जनसंख्या कितनी भी कम क्यूं न हो, अपने अपने इलाकों में डोर टू डोर जन संवाद कायम करें, दलित और मध्यमवर्गीय कालोनियों में चौपाल लगाये और आम नागिरक को जोड़ने काम करें।
विरेन्द्र चौधरी ने कहा जब तक तमाम संगठनो के प्रमुख अपने अपने अहम् को छोड़ कर एक मंच पर नहीं आयेगे, तब तक आंदोलन तेज नहीं होगा। जब तक आंदोलन टुकड़े टुकड़े रहेगा तब तक हमारी उर्जा बेकार कर रहे है। उन्होंने कहा ये बात विभिन्न संगठनो के लोगो से बातचीत के बाद निकल कर आई है कि "होना हुआना कुछ भी नहीं, हम आँखों की शर्म के कारण आ जाते है"। ये शर्म की बात है । इससे साफ़ जाहिर है कि संगठनो की मिटिंगों में आने वाले लोग अपने अपने इलाको में निष्क्रय है। उन्होंने सभी संगठनो के प्रमुखों से अपील करी है कि वे एक मंच पर आये और आंदोलन को गति देने के लिए एक रणनीति तय करे, जनता को जोड़ने के लिए सदस्यता अभियान चलाये।छोटे छोटे धरने प्रदर्शन हमारी उर्जा नष्ट कर रहे है। आंदोलन के प्रति उदासीन बना रहे है।अब संगठित होकर एक बड़ी रैली, बड़ा प्रदर्शन होना चाहिए ताकि हमारी उर्जा अग्नि में परावर्तित हो जाये।
विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने सुझाव दिया कि अभी तक सभी संगठन सहारनपुर मंडल,मेरठ मंडल, मुरादाबाद मंडल,आगरा मंडल को मिलाकर पश्चिम प्रदेश बनाना चाहते हैं। जो ज्यादा बड़ा हो जायेगा। मेरा सुझाव है बरेली मंडल को छोड़ दिया जाये तो पश्चिम प्रदेश का आकार ठीक हो जाएगा।
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