सरकार द्वारा रबी की फसलों में वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा ••••गेहूं का मूल्य होना चाहिए ₹5000 कुंतल भगत सिंह वर्मा
विरेन्द्र चौधरीसहारनपुर -आज यहां एक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा भाजपा की केंद्र सरकार ने गेहूं के मूल्य में 125 रुपए कुंतल और अन्य रबी फसलों के दामों में की गई वृद्धि ut के मुंह में जीरा है।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गेहूं के उत्पादन की लागत को देखते हुए गेहूं का मूल्य प्रति कुंतल कम से कम ₹5000 कुंतल होना चाहिए। आज गेहूं से सस्ता कोई सामान नहीं है। खाद बीज डीजल कीटनाशक कृषि यंत्र लगातार महंगे होने के कारण किसने की खेती की लागत बढ़ती जा रही है एक कुंतल गेहूं के उत्पादन पर₹4000 कुंतल खर्च आ रहा है। एक कुंतल गेहू एक समय का 1000 लोगों का भोजन है। इससे सस्ता और क्या हो सकता है। कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में भाजपा की मोदी सरकार किसानों और खेती को समाप्त कर रही है। जबकि किसानों की क्रय शक्ति बढ़ने से ही देश आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी जी को राष्ट्रीय किसान आय आयोग गठित करके अन्नदाता किसानों की एक निश्चित आय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बराबर तो करनी ही चाहिए और वह जब ही होगी जब किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिलेगा आज तो सरकार किसानों को लागत मूल्य भी नहीं दिला रही है जिससे किसान कर्ज बंद होकर आत्महत्या कर रहे हैं। जो दिल्ली लुटियंस जोन में बैठे हुए नेताओं के लिए शर्म की बात है।
बैठक की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन वर्मा के प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल ने की और संचालन प्रदेश महामंत्री असीम मलिक ने किया। बैठक में महानगर अध्यक्ष मोहम्मद जहीर तुर्की सरदार गुलविंदर सिंह बंटी अमजद अली एडवोकेट अजीत सिंह प्रधान वीरेंद्र सिंह बिल्लू मुकर्रम प्रधान अब्दुल सलाम यासीन त्यागी हाजी बुद्धू हसन जसबीर चौधरी कपिल चौधरी हरवीर चौधरी आदि ने भाग लिया।
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