हर घर पे लिख दो पश्चिम प्रदेश,हर दिल पे लिख दो पश्चिम प्रदेश

उत्तर प्रदेश के २४ करोड़ लोग आंदोलन के लिए तैयार ••इंतजार सरदार भगत सिंह पड़ोसी के यहां से निकले••हर घर पे लिख दो पश्चिम प्रदेश,हर दिल पे लिख दो पश्चिम प्रदेश

डी पी सिंह/अवनीश धीमान 

 मेरठ। उत्तर प्रदेश पुनर्गठन को लेकर उत्तर प्रदेश के २४ करोड़ लोग अंदर से तो उद्वेलित है,मगर सबको इंतजार है भगत सिंह पड़ोसी के घर से निकले। अगर उत्तर प्रदेश के नागरिक ऐसा नहीं चाहते तो पूर्वांचल अवध बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुर्नगठन को लेकर आंदोलन ना हो रहे होते।

उत्तर प्रदेश पुनर्गठन और अपने पृथक पश्चिम प्रदेश के लिए पश्चिम प्रदेश निर्माण मोर्चा अग्रिम पंक्ति में रहकर लड़ने वाले आंदोलनकारी लगातार धरने प्रदर्शन,बैठको का आयोजन ना कर रहे होते। निर्माण मोर्चा के कार्यवाहक जिला अध्यक्ष व केन्द्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने कहा आज पूरे उत्तर प्रदेश में प्रदेश पुनर्गठन को लेकर आंदोलन चल रहे हैं। लेकिन राजनीति ने सोची समझी रणनीति के तहत आम जन मानस को रोजी-रोटी और जय श्री राम,जय श्री राम, अल्लाह हू अकबर में उलझा रखा है, उन्हें मानसिक बीमार बना दिया है,जिससे लोगो के दिलों में एक अजीब सा भय है कि पुर्नगठन के बाद सत्ता किसके हाथ में जायेगी, यहां हिंदू शासक होगा या मुसलमान।

विरेन्द्र चौधरी पत्रकार प्रदेश पुनर्गठन आंदोलनकारी ने कहा कि आर्थिक आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे योद्धा जनता के जन संपर्क में तो है लेकिन, जनता के बीच संदेश छोड़ने में नाकामयाब है कि पुर्नगठन के बाद उनका सामाजिक व पारिवारिक, राजनैतिक जीवन उच्च स्तरीय हो जायेंगा। विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने कहा आज जरूरत है हम एक माहौल क्रिएट करें जिससे आंदोलन की तरफ लोग आकर्षित हो। उन्होंने कहा मेरा मानना है आंदोलनकारियों की सबसे बड़ी प्राब्लम उनका ड्रेस कोड है। आम आदमी कुर्ता पायजामा को नेता मानता है, कुर्ता पायजामा ही उनका मॉडल है।मेरा आंदोलनकारियों को सुझाव है वो ड्रेस कोड पर ध्यान दें।

विरेन्द्र चौधरी पत्रकार ने कहा किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए माहौल बनाना, मिशन के लिए जागरूक करना जरूरी है।मेरा सुझाव है कि सर्वप्रथम जो भी बैनर पोस्टर बने उनमें पश्चिम प्रदेश शब्द का ही अधिकाधिक उपयोग हो।हर आंदोलनकारी अपने घरों और गाड़ियों पर पश्चिम प्रदेश का झंडा लगायें, साथ ही अपने घर के बाहर एक बड़ी नेम प्लेट लगायें,जिस पर नाम के साथ लिखा हो पश्चिम प्रदेश। जैसे विरेन्द्र चौधरी पत्रकार पश्चिम प्रदेश। निश्चित तौर पर माहौल बनना शुरू होगा, और हम लक्ष्य की तरफ भीड़ के साथ बढ़ना शुरू करेंगे। साथ ही संगठन के सभी साथी सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हो, जिसमें ऐसी भाषा का इस्तेमाल हो,जिस पर लोग रिएक्ट करें।


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