कुश्ती फेडरेशन को भंग ना करके सस्पेंड कर नारीशक्ति के साथ किया धोखा••सरकार की इस साज़िश को समझें दुनिया -- निर्मला दहिया

 कुश्ती फेडरेशन को भंग ना करके सस्पेंड कर नारीशक्ति के साथ किया धोखा••सरकार की इस साज़िश को समझें दुनिया -- निर्मला दहिया 

विरेन्द्र चौधरी 

हिसार। हरियाणा की सोशल रिफॉर्मर निर्मला दहिया ने साक्षी मलिक महिला खिलाड़ी को लेकर कहा भाजपा सरकार का नारीशक्ति का नारा आधी दुनिया का वोट लेने की साज़िश है। क्योंकि सरकार ने कुश्ती फेडरेशन को भंग ना करके सस्पेंड किया है।जो नारी शक्ति के साथ बड़ा धोखा है। सरकार की इस साज़िश को नारीशक्ति को ही नहीं हर देशवासी को समझना होगा।

सोशल रिफॉर्मर निर्मला दहिया ने हमारे संवाददाता विरेन्द्र चौधरी को फोन पर वार्त्ता करते हुए बताया कि जिस तरह किसानों को एम एस पी ना देकर किसानों से धोखा किया है। ठीक उसी तरह साक्षी मलिक व अन्य महिला खिलाडियों के प्रकरण को दबाने के लिए कुश्ती फेडरेशन को भंग ना करके सस्पेंड किया है। ये महिला खिलाडियों के साथ ही नहीं देश की जनता के साथ एक साज़िश के तहत धोखा किया है । जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

निर्मला दहिया का मानना है कि सरकार जानती है कि साक्षी मलिक व अन्य महिला खिलाड़ियों को लेकर जनता में आक्रोश है। जनता के आक्रोश को शांत करने के लिए कुश्ती फेडरेशन को भंग ना करके सस्पेंड कर एक नाटक रचा है।ताकि बाहुबली बृजभूषण को बचाया जा सके।ये नारीशक्ति के विरुद्ध एक बड़ी साज़िश है। उन्होंने कहा खेल मंत्रालय द्वारा ये धोखा सरकार की किरकिरी होने से बचाने का एक बड़ा नाटक है। जनता को सरकार द्वारा किए गए कृत्य को समझना होगा और न्याय के लिए खड़े होने की आवश्यकता है। जनता को समझना होगा कि कुश्ती फेडरेशन को भंग करने के बजाय सस्पेंड करना एक ढकोसला है और बृजभूषण को बचाने की साज़िश है।

निर्मला दहिया ने बताया कि कुश्ती के खेल में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की अधिक भागीदारी रही है, अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के मुकाबलो में ज्यादा मेडल महिलाओं ने लिए है। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब कुश्ती में ज्यादा मेडल महिलाओं को मिले हैं तो कुश्ती फेडरेशन का अध्यक्ष महिला होनी चाहिए या पुरुष। उन्होंने कहा महिला खिलाडियों का अध्यक्ष पुरुष को बना कर सरकार की मंशा साफ जाहिर है कि सरकार की मंशा क्या है। उन्होंने कहा एक महिला ही महिला का दर्द समझ सकती है या बृजभूषण जैसा कोई दबंग। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि आमजन सरकार की आंतरिक मंशा को समझें और राक्षसपर्वती वालो से हिसाब ले, अगर समय लेते हिसाब नहीं लिया गया तो कोई भी मां बाप अपनी बेटियों को खेल नहीं खेलने देगा,और खेलों से नारीशक्ति विलुप्त हो जायेगी। अगर ऐसा होता है तो नारीशक्ति का नारा देने वाली सरकार ही इसकी जिम्मेदार होगी।


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