खनन माफियाओं में हो सकती है शुरू जंग - प्रशासन कब करेगा कार्यवाही - या करेगा किसी बड़े हादसे का इंतजार

 खनन माफियाओं में हो सकती है शुरू खूनी जंग - प्रशासन कब करेगा कार्यवाही - या करेगा किसी बड़े हादसे का इंतजार 

पीड़ित पहुंचे पुलिस लाइन अधिकारियों को बताया दर्द 
विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश में भले ही योगी बुलडोजर का खौफ हो लेकिन खनन माफियाओं के चांदी के जूते के चलते प्रशासन कभी कोई खबर लखनऊ नहीं पहुंचने देता। उत्तर प्रदेश में कई बड़े ईमानदार अधिकारियों पर खनन माफियाओं द्वारा डंफर या ट्रैक्टर चढ़ा दिये लेकिन उनका कुछ नहीं बिगड़ा, क्योंकि अंदर खाने बड़ी डील तय रहती है। इस बार सहारनपुर में जो स्टोन क्रेशर वालो ने अन्य स्टोन क्रेशर के मुंशियों के साथ कुछ जानकारी चाहने के लिए मारपीट की,वो आगे की जंग बढ़ने की ओर इशारा कर रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बाला जी स्टोन क्रेशर के मुंशी हिमांशु शर्मा व सुमित के साथ किसी बात की जानकारी हासिल करने के लिए मारपीट की गई,दंबगो के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही ना होने पर बाला जी स्टोन क्रेशर के मुंशी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के यहां फरियाद लेकर पहुंचे और कार्यवाही कराने हेतु गुहार लगाई।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिये गये पत्र में बाला जी स्टोन क्रेशर के मुंशी हिमांशु शर्मा ने आरोप लगाया कि उसे और उसके साथी सुमित को कुछ जानकारी लेने के बहाने से अपने ऑफिस बुलाया। आरोप है कि खनन माफिया रविन्द्र तोमर,आशीष रोड, राजीव चौधरी,पीतम सिंह,मनीष सैनी,नीटू तोमर ने किसी बात की जानकारी करने हेतु अपने ऑफिस बुलाया। जैसें ही हिमांशु और सुमित उनके पास पहुंचे तो खनन माफियाओं ने उन्हें भद्दी भद्दी गालियां दी व लाठी डंडों से उनकी पिटाई की। पीड़ित हिमांशु ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत में कहा है कि उनके साथ हुए हादसे की वीडियो फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पीड़ित हिमांशु का आरोप है कि शिकायत करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। पीड़ित हिमांशु का कहना है कि इस घटनाक्रम के बाद हमें जान माल का खतरा हो गया है।लिखित रिपोर्ट में उनका कहना है कि उनके साथ ये खनन माफिया कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित कर सकते है। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी को कड़ी कार्रवाई करने के लिए जाना जाता है लेकिन खनन माफियाओं और प्रशासनिक तालमेल के सामने उन तक खनन माफियाओं की करतूतें नहीं पहुंच पाती। जिससे हर वर्ष करोड़ों रुपए का राजस्व सरकार को ना मिलकर खनन माफियाओं और उनके संरक्षकों की जेबों में चला जाता है।पूरब के बाद अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहारनपुर में भी खनन माफिया बेकाबू हो रहे हैं,कुछ खनन माफिया सत्ता के संगठनों से जुड़ कर सत्ता का फायदा उठा रहे है। बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े हादसे के बाद प्रशासन कब कार्यवाही करेगा या किसी बड़े हादसे होने की इंतजार करेगा।


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