साक्षी के रूप में बेटियां नहीं हारी,देश हारा है - Social Reformer Nirmala Dahiya

 साक्षी के रूप में बेटियां नहीं हारी,देश हारा है - समाज,देश और पुरूषार्थ हारा है•• Social  Reformer Nirmala Dahiya

विरेन्द्र चौधरी/करण शेखावत

हिसार। हरियाणा की सोशल रिफॉर्मर  निर्मला दहिया ने कहा आज जब प्रैस कांफ्रेंस से साक्षी मलिक रोती हुई निकली,तो लगा बेटी नहीं हारी,पूरा देश हार गया।

हमारे संवाददाता  से फोन पर वार्त्ता करते हुए सोशल रिफॉर्मर  निर्मला दहिया ने कहा जब साक्षी मलिक व्यवस्था से परेशान होकर देश के लिए जीते मेडल हरिद्वार गंगा में बहाने गई तो नरेश टिकैत ने उन्हें समझाया और मेडल मांग लिए। आज जब साक्षी मलिक प्रेस कांफ्रेंस से रोते हुए निकली तो किसी ने उसे सांत्वना नही दी,किसी ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की,तो ऐसा लगा चौधरी मुंह दिखाने लायक नहीं रहे। खाप चौधरियों को साक्षी को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए।

निर्मला दहिया ने कहा पथभ्रष्ट नेता के सामने राजनीति ने सर झुका रखा है। बेटियों की इज्जत के साथ खेलने वाले बृजभूषण अपने दबदबे का परचम लहरा रहा है,और देश के लोग खामोश है।आज पूरा देश बेबस और लाचार है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे अपनी जुबान, पुरूषार्थ और लड़ने का हौसला पांडवो की तरह सत्ता के हाथो जुए में हार बैठे हैं। आज यह सिद्ध हो गया है,जब एक बेटी प्रेस कांफ्रेंस से रोती हुई निकली, करोड़ों लोगों ने देखा, लेकिन सब चुप है। इसका सीधा मतलब है सत्ता के सामने न्याय हार गया। उन्होंने कहा जिस देश के लिए एक बेटी ने मैडल जीते, तिरंगे का मान बढ़ाया,आज वो बेटी रो रही है। कोई उसके आंसू पुछने वाला नहीं, कोई न्याय दिलाने वाला नहीं।

सोशल रिफॉर्मर निर्मला दहिया ने कहा ये याद रखना आज सिर्फ बेटियां नहीं हारी,पूरा देश,पूरा समाज, नारीशक्ति की बात करने वाले हारे है। भाइयों के चेहरे का रूआब हारा है। उन्होंने कहा उन्हें अफसोस है सत्ता की ताकत के सहारे के चलते एक बलात्कारी के सामने पूरा देश खामोश है,ये लोकतंत्र में ठीक नहीं है।


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