इंडिया गठबंधन में मायावती पर भरोसा नहीं किया जा सकता •• अखिलेश यादव, अखिलेश अपने गिरेबान में झांके उनका दामन दागदार
विरेन्द्र चौधरीलखनऊ। राजनीतिक लाभ लेने के लिए कब कौन सा नेता किस नेता को गालियां देने लगे और अगले दिन किसी मंच पर गले मिलते-जुलते दिखे, कुछ नहीं कहा जा सकता। हाल में बलिया एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गठबंधन में मायावती के शामिल होने पर सवाल खड़ा कर दिया था। उस सवाल का मायावती पूर्व मुख्यमंत्री ने भी करारा जवाब देते हुए अखिलेश को नसीहत दे डाली।
मामला कुछ इस तरह का है कि हाल ही में बलिया के एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव से कुछ लोगों ने पुछा कि ऐसी चर्चाएं हो रही है कि मायावती जी इंडिया गठबंधन में शामिल होने जा रही है। इस पर अखिलेश यादव ने कहा था कि गठबंधन के लिए मायावती पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उल्टा इससे आगे जाते हुए अखिलेश ने पत्रकारों से ही पुछ लिया कि आप ही बताइए कि "मायावती के गठबंधन में शामिल होने के बाद वो गठबंधन में बनी रहेगी, भरोसा आप दिलायेंगे, उसके बाद का भरोसा आप में से कौन दिलाएगा।
अखिलेश के इस ब्यान से आहत मायावती ने भी खुलकर अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव अपनी व अपनी सरकार की दलित विरोधी रही आदतों नीतियों व कार्यशैली मजबूर हैं। अखिलेश यादव द्वारा बहुजन समाज पार्टी पर बेवजह अनर्गल बोलने से पहले अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए कि भाजपा को आगे बढ़ाने व उनसे मेल मिलाप रखने में उनका दामन कितना दागदार है।
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