किसानों को उनके हक चाहिए राजसत्ता नहीं,खट्टर और केंद्र सरकार किसानों पे दाग रही गोले बरसा रहीं लाठियां,नहीं होगा बर्दाश्त, हमें फोन का इंतजार - भगत सिंह वर्मा

 उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली चलने को तैयार-किसानों को उनके हक चाहिए राज सत्ता नहीं- भगत सिंह वर्मा


विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर/देवबंद -आज यहां ग्राम गंगदासपुर जट में भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के नेतृत्व में अन्नदाता किसानों का जत्था लाव लश्कर के साथ ट्रैक्टरो गाड़ियों के काफिले के साथ अपने हकों के लिए दिल्ली चलने के लिए तैयार है। जैसे ही किसान संयुक्त मोर्चा गैरराजनीतिक की कॉल आएगी तो उत्तर प्रदेश के लाखों किसान अपने ट्रैक्टर ट्रालियों कारों से दिल्ली के लिए  कुच कर देंगे। 

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश के अन्नदाता किसान दिल्ली में राजसत्ता में भागीदारी के लिए नहीं जा रहे हैं, किसानों को तो केवल और केवल अपनी फसलों का लाभकारी मूल्य चाहिए। अपने सभी किसान परिवार कर्ज मुक्ति चाहिए। मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर किसानों को मजदूर उपलब्ध कराए जाएं, राष्ट्रीय किसान आय आयोग का गठन किया जाए। महान कृषि वैज्ञानिक हरित क्रांति के जनक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए। 58 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग किसानों मजदूरों को ₹10000 प्रतिमा वृद्धावस्था पेंशन दिलाई जाए। एम एस पी को गारंटी कानून बनाया जाए। फल सब्जी दूध और किसानों की सभी फसलों पर लाभकारी मूल्य के आधार पर एम एस पी घोषित की जाए।

एक सवाल के जवाब में किसान नेता वर्मा ने कहा किसान आंदोलन के दौरान सरकार द्वारा लगाए गए किसानों पे मुकदमों को वापस किया जाए। गृह राज्य मंत्री अजय कुमार टेनी को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त किया जाए। लखीमपुर खीरी दिल्ली आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए। देश के अन्नदाता किसानों को कृषि कार्य हेतु निशुल्क बिजली दिलाई जाए। गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹600 कुंतल किया जाए और चीनी मिलों से 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान कराया जाए। पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज उत्तर प्रदेश व देश की चीनी मिलों से 30000 करोड रुपए गन्ना किसानों को दिलाया जाए। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश के अन्नदाता किसानों को देश की राजधानी दिल्ली जाने से रोकना सीधा-सीधा लोकतंत्र पर हमला है। किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं इसके बावजूद भी भाजपा की खट्टर सरकार और मोदी की केंद्र सरकार अन्नदाता किसानों पर गोली और लाठी आंसू गैस के गोले दाग रही है जिस देश के 140 करोड लोग कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे। देश के अन्नदाता किसानों ने कष्ट झेलकर कर्ज बंद होकर कड़ी मेहनत करते हुए खाद्यान्न में देश को आत्मनिर्भर बनाया है। अन्नदाता किसानों के साथ इतना क्रूर व्यवहार तो शायद ब्रिटिश हुकूमत ने भी नहीं किया होगा। भगत सिंह वर्मा ने भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही अन्नदाता किसानों की समस्याओं को हल नहीं किया गया तो लोकसभा के चुनाव में अन्नदाता किसान भाजपा को वोट नहीं देंगे। 

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर अशोक मलिक, राष्ट्रीय सलाहकार हाफिज मुर्तजा त्यागी, प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल, प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक, प्रदेश सचिव रिशिपाल प्रधान गुर्जर, प्रदेश सचिव सोनू राजा के नेतृत्व में हजारों किसान दिल्ली कूच करने के लिए तैयार हैं। सुशील धारकी, भगत जी, प्रहलाद सिंह, पदम सिंह, मुनेश चौधरी,संदीप ग्रेवाल,कलम सिंह चौधरी, बाबूराम, भूपेंद्र सिंह,रविंद्र सिंह, प्रदीप चौधरी,निशांत शर्मा, सुभाष शर्मा उमेश शर्मा जोगिंदर शर्मा सुनीराम फौजी आजाद सिंह,पप्पू ,दीपक चौधरी, जगपाल सिंह, नीतू सिंह, सुमित वर्मा, जितेंद्र चौधरी,मोहन सिंह, आकाश चौधरी, पप्पल त्यागी आदि ने भाग लिया।



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