कल्किधाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोदकृष्णन को दिव्य शक्ति अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमलकिशोर ने किया सम्मानित •• जनपद सम्भल के गाँव एचोड़ा कम्बोह मे होगा भगवान विष्णु का दशम अवतार
विरेन्द्र चौधरी/वीरेंद्र भारद्वाजसंभल/सहारनपुर। कल्कि धाम के शिलान्यास के पवित्र अवसर पर पीठाधीश्वर स्वामी आचार्य प्रमोद कृष्णन जी महाराज को दिव्य शक्ति अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर संत कमलकिशोर महाराज और समन्वयक चंदर पाराशर ने अखाड़े की ओर से त्रिशूल,रहल, ओम का प्रतीक चिन्ह,दुर्गा सप्तशती, सुंदरकाण्ड, हनुमान चालीसा और अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
ज्ञात हो कि भविष्य पुराण, विष्णु पुराण, स्कंद पुराण, सौ साखी आदि में भगवान विष्णु के दसवे अवतार भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद सम्भल के गाँव एचोड़ा कम्बोह में वर्णित किया गया है। इस मंदिर की आधारशिला और शिलान्यास आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 19 फरवरी को किया गया जिसमें पूरे भारतवर्ष से 25000 सन्तों ने भाग लिया।
पाँच एकड़ में बिना स्टील और लोहे के केवल गुलाबी पत्थर से निर्माण होने वाले इस मन्दिर की विशेषताओं की चर्चा करते हुए पीठाधीश्वर स्वामी आचार्य प्रमोद कृष्णन जी महाराज ने बताया कि इस में दस अवतारों को दस गर्भगृहों मे स्थापित किया जाएगा। विश्व का यह पहला ऐसा मन्दिर होगा जो भगवान के अवतार लेने से पूर्व ही बनेगा।
इस अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर संतकमल किशोर ने कहा कि यह भारतवर्ष के लिए बहुत सौभाग्य की बात है कि कलयुग में पुनः धर्म की स्थापना हेतु भगवान विष्णु के दशम कल्कि अवतार शीघ्र ही धरा पर अवतरित होने जा रहे है। विष्णु पुराण के अनुसार कलयुग के चौथे चरण में मनुष्यों की कुल आयु 20 से 30 वर्ष होगी, 12 वर्ष की अवस्था में ही लोगों के बाल पकने शुरू हो जाएंगे, 6 अथवा 7 वर्ष की स्त्री और 8 से 10 वर्ष के पुरुषों के ही संतान हो जाएगी। लोग मंदबुद्धि, व्यर्थ चिन्ह धारण करने वाले, दुष्ट चित वाले होंगे। कलयुग में चाहे किसी भी कुल में उत्पन्न हुआ व्यक्ति ,जो धनवान और बलवान होगा वही सबका स्वामी होगा दूसरी जाति के लोग संन्यास लेकर भिक्षावृत्ति में तत्पर होंगे और लोगों से सम्मानित होंगे।
धर्म और वेदों का लगभग लोप हो जाएगा। अग्नि में देव यज्ञ क्रिया का क्रम अनुष्ठान भी नहीं रहेगा।प्रजा की आयु अति अल्प हो जाएगी। सभी लोग स्वार्थी होंगे।अपने केशों की सुंदरता से ही स्त्रियों को अपनी सुंदरता का अभिमान होगा। गुरु और शिष्य के संबंध केवल धन पर ही निर्भर करेंगे। धनहीन पति को स्त्रियां छोड़ देगी।
अभी कलयुग का द्वितीय चरण चल रहा है और यह सारी बातें कलयुग के चतुर्थ चरण में तेजी से घटित होंगीऔर तभी भगवान कल्कि का अवतार होगा ।
सम्मान कार्यक्रम मे आचार्य धीरशान्तदास, महन्तश्री बालयोगी दीनानाथ जी, अमित कुमार,रोहित कुमार की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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