बसपा के बगैर सपा-कांग्रेस गठबंधन भाजपा को हराने में रहेगा विफल,मोदी बनेंगे पीएम •• भाजपा और आरएसएस लॉबी चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोटी बोटी करने की धमकी देने वाले वयक्ति को ही कॉग्रेस का टिकट मिले •• सपा कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बोटी बोटी करने वाले बयान को फिर दे सकता है संघ,भाजपा व उनका समर्थक मीडिया पूरे देश में हवा
इंतखाब आज़ाद पत्रकार
सहारनपुर। भाजपा की मदर ऑर्गेनाइजेशन आरएसएस और उसके प्रमुख मोहन भागवत यह चाहते हैं कि भारत में दो दलीय शासन प्रणाली स्थापित हो जाए। जिसके तहत एक बार कांग्रेस सत्ता में रहे और दूसरी बार भाजपा, यानी कांग्रेस जाए, तो भाजपा आए और भाजपा जाए, तो कांग्रेस सत्ता मे आए और जो दलितों पिछड़ों व अल्पसंख्यकों की रीजनल पार्टियां हैं उनको हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाए, इसी की बानगी लोकसभा चुनाव 2024 में सपा और कांग्रेस गठबंधन है। जबकि यह हकीकत है कि बसपा के बगैर सपा कांग्रेस गठबंधन ना केवल अस्तित्वहीन, बल्कि अब हम यह कह सकते हैं कि सपा कांग्रेस गठबंधन से कांग्रेस को तो लाभ होगा,लेकिन अखिलेश यादव की पार्टी यानी सपा समाप्त हो जाएगी और यही कारण है कि बसपा, कांग्रेस के साथ गठबंधन में आना नहीं चाहती। क्योंकि उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, हां अगर गठबंधन सपा और बसपा का हो, तो सफलता निश्चित रूप से मिल सकती है।
■ _आप इतिहास के झरोखे में जाएं,तो जंगे आजादी के बाद 57 सालों तक कांग्रेस ने देश पर राज किया और उसके, जो दो थोक वोट बैंक थे वो दलित, मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग रहा है और स्वर्ण जाति के लोगों ने इस सत्ता का संचालन किया। जब से दलित मुस्लिम व पिछड़ा कांग्रेस से अलग हुआ,तो कांग्रेस सत्ता से गायब हो गई और अब वो सत्ता पाने के लिए ऐसे तड़प रही है जैसे बिन पानी मछली तडपती है, अब मुसलमान को तो एक सुनियोजित रणनीति के तहत देश की राजनीति मे अलग-थलग पड़ गया है,इसलिए कांग्रेस-सपा का गठजोड़ यदि इसमे बसपा शामिल नही होती,तो यह भाजपा को नहीं हरा सकता। क्योंकि कांग्रेस के पास ना तो दलित वोट है, ना ही मुस्लिम,पिछड़ा और ना ही स्वर्ण जातियों का वोट है। अब यदि सपा बसपा का गठबंधन होता है तो सपा के माध्यम से मुस्लिम वोट कांग्रेस को ट्रांसफर हो सकता है। लेकिन सपा को स्वर्ण जाति और पिछड़ा वर्ग वोट नहीं देगा, इससे भाजपा हारेगी नही ,बल्कि उल्टे अखिलेश यादव फंस जाएंगे। अब यदि अखिलेश यादव को अपना और सपा का अस्तित्व बचाना है तो उसे कांग्रेस के बजाय बसपा के साथ गठबंधन करना होगा, और यह काम कांग्रेस एवं भाजपा के रणनीतिकार अखिलेश यादव को करने नहीं देंगे।
■ _अब उदाहरण के तौर पर सहारनपुर और कैराना लोकसभा सीट को ही ले ले। यदि यहां दलित मुस्लिम गठजोड़ पर पिछले लोकसभा चुनाव-2019 की तरह मुस्लिमो ने अकल से काम ले लिया, तो यहां भाजपा को आसानी से हराते हुए बसपा को जिताया जा सकता है और यदि मुस्लिमो ने वोट गलती से सपा कांग्रेस गठबंधन को दे दिया, तो फिर यहां पर भाजपा को जीतने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती,दूसरी तरफ आपको ऐसा भी प्रचारित करके बताया जाएगा, कि जिससे बसपा का प्रत्याशी हार जाए, कि सपा और कांग्रेस गठबंधन बेहद मजबूत है जबकि इस गठबंधन की जमीनी हकीकत यह है कि इससे खोखला गठबंधन उत्तर प्रदेश में कोई है ही नहीं।कयौकि सपा-कॉग्रेस गठबंधन के संभावित उम्मीदवार वैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बोटी बोटी कर दूंगा के बयान से बदनाम हैं और इसी कारण उन्हें ब्राह्मण, बनिया, ठाकुर,जाट, गुर्जर, सैनी हरगिज़ वोट नहीं देगा जबकि दलित समाज तो पूरी तरह से संगठित होकर बसपा के साथ मजबूती से खडा ही, पिछड़ा समाज भी संविधान को बचाने की खातिर बसपा के साथ है और अकेले मुस्लिम वोट से कांग्रेस का प्रत्याशी जीत नहीं सकता। ऐसे में सपा कांग्रेस गठबंधन को फिर वोट कौन देगा-? यह सिर्फ वोट कटवा साबित होने के साथ-साथ दलित मुस्लिम गठकजोड़ के प्रत्याशी माजिद अली को ही नुकसान देकर सिर्फ भाजपा को ही फायदा पहुंचाएगा और यही इस सपा कांग्रेस गठबंधन उम्मीदवार की जीत भी होगी, क्योंकि इस गठबंधन का संभावित उम्मीदवार अपनी जीत के लिए कम, किसी दूसरे मुस्लिम को हराने के लिए ज्यादा दमदार तरीके से चुनाव लड़ेगा। जबकि मुसलमान भी पिछले लोकसभा चुनाव, जिसमें हाजी फजलुर्रहमान सांसद बने थे इसी पैटर्न पर आज भी बसपा के साथ खड़ा है थोड़ा बहुत मुस्लिम अगर इधर-उधर बहक भी गया,तो उससे कोई ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं है। इसलिए बसपा के माजिद अली से ज्यादा मजबूत उम्मीदवार सहारनपुर जिले में कोई नहीं है। अब बसपा के प्रत्याशी माजिद अली,भाजपा से पूर्व सांसद और डायनामिक व्यक्तित्व के मालिक राघव लखनपाल शर्मा लगभग फाइनल उम्मीदवार हैं जबकि सपा कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी कौन होंगे-? अभी यह भविष्य के गर्भ में छुपा है, वैसे भाजपा और आरएसएस लॉबी चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोटी बोटी करने की धमकी देने वाले वयक्ति को ही कॉग्रेस का टिकट मिल जाए, क्योंकि सहारनपुर के इस उम्मीदवार के माध्यम से पूरे भारत में भाजपा संघ और उनका समर्थक गोदी मीडिया माहौल बनाकर भाजपा को प्रचंड बहुमत दिला सके।
क्या आपको अपना विकसित प्रदेश चाहिए जरा सोचिए, फिर हमारे साथ आएं और चले पूर्ण आज़ादी की ओर
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