शंभु बार्डर से भगत सिंह वर्मा बोले भाजपा किसान गांव गरीब विरोधी चंद पूंजीपतियों की सरकार

मोदी सरकार द्वारा देश के अन्नदाता किसानों के साथ इतना बड़ा अन्याय ठीक नहीं - मोदी सरकार पूंजीपतियों की सरकार - भाजपा किसान गांव गरीब विरोधी चंद पूंजीपतियों की सरकार •• भगत सिंह वर्मा


विरेन्द्र चौधरी वीरेंद्र भारद्वाज 

सहारनपुर/शंभू बॉर्डर हरियाणा। भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने शंभू बॉर्डर पंजाब में हजारों किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की मोदी सरकार देश के अन्नदाता किसानों के साथ बड़ा अन्याय कर रही है। देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने की बजाय किसानों पर आंसू गैस के गोले पानी की बौछार लाठी गोली चल रही है। 

भगत सिंह वर्मा ने कहा हरियाणा की  खट्टर सरकार ने हरियाणा की सीमा में किले गाडकर बैरिकेड लगाकर देश के अन्नदाता किसानों को दिल्ली जाने से रोकना अंग्रेजी राज की याद दिलाता है। देश के किसान अपने हक मांगने के लिए दिल्ली राजधानी जाना चाहता है, उसे राज सत्ता में भागीदारी नहीं चाहिए। भगत सिंह वर्मा ने भाजपा की मोदी सरकार को किसान गांव गरीब विरोधी बताते हुए देश के चंद पूंजीपतियों की सरकार बताया। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश के बड़े अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार ने बताया कि भाजपा की मोदी सरकार में काला धन बढ़ता जा रहा है। देश के बड़े कॉर्पोरेट घरानों बड़े राजनेताओं बड़े अधिकारियों का विदेशी बैंकों में एक हज़ार लाख करोड रुपए जमा हो गया है। क्या मोदी सरकार विदेश से काला धन मंगा कर देश के गरीब मजदूर अन्नदाता किसानों का 25 लाख करोड रुपए माफ नहीं कर सकती है जब मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में चंद कॉर्पोरेट घरानों का साडे 15 लाख करोड रुपए माफ कर दिया है। आज देश का किसान आजाद भारत में सरकार की गलत नीति के कारण कर्ज बंद होकर आत्महत्या करने को मजबूर है और किसानों की क्रय शक्ति जीरो हो गई है। 

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा ने अपने 2014 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में देश के सभी अन्नदाता किसानों के कर्ज माफ करने डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने किसानों को उनकी फसलों के लाभकारी मूल्य दिलाने किसानों को कृषि कार्य हेतु निशुल्क बिजली दिलाने जैसी घोषणा की थी। भगत सिंह वर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी जी को अहंकार छोड़कर देश के अन्नदाता किसानों की बातचीत के द्वारा सभी समस्याओं को हल करना चाहिए। वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह जी ने जंतर मंतर पर किसानों के बीच में आकर कहा था कि यदि हमारी सरकार आई तो हम गन्ना किसानों को गन्ने का मूल्य 450 रुपए कुंतल देंगे और किसानों की सभी समस्याएं हल करेंगे। सत्ता के 10 वर्ष बाद भी गन्ने का मूल्य मात्र सरकार ₹370 रुपए कुंतल कर पाई है जो गन्ने की लागत 525 रुपए कुंतल से भी काफी कम है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी जी से आंदोलन कर रहे किसानों से बात करके देश के अन्नदाता किसानों के सभी कर्ज समाप्त करने किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने राष्ट्रीय आय आयोग का गठन करने बुजुर्ग किसानों मजदूरों को₹10000 प्रति माह वृद्धावस्था पेंशन दिलाने मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़कर किसानों को मजदूर उपलब्ध कराने देश के गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹600 कुंतल दिलाने चीनी मिलों से 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों को भुगतान दिलाने और पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर लगा ब्याज देश की चीनी मिलों से 30000 करोड रुपए ब्याज गन्ना किसानों को दिलाने आवारा व छुट्टा पशुओं से किसानों की फसल को बचाने सभी के लिए शिक्षा और चिकित्सा निशुल्क करने की मांग की। देश के किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाने से ही देश आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है। भाजपा की मोदी सरकार अन्नदाता किसानों के साथ ब्रिटिश हुकूमत जैसा व्यवहार बंद करें और किसानों का सम्मान करें। 

भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के साथ राष्ट्रीय सलाहकार हाफिज मुर्तेजा त्यागी राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर अशोक मलिक राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित नीरज कपिल प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक प्रदेश सचिव संदीप एडवोकेट जिला संगठन मंत्री सुरेंद्र सिंह एडवोकेट सहित दर्जनों किसानों ने शंभु बॉर्डर पहुंचकर संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीति को समर्थन दिया।


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