अखिलेश यादव,योगी जी को कमजोर करने के लिए मोदी जी करेंगे यूपी के तीन टुकड़े, दिल्ली में तैयारी शुरू,योगी अखिलेश की लकीर को छोटा करने के लिए खींचेंगे बड़ी लकीर
विरेन्द्र चौधरी
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश देश की राजनीति का गढ़ माना जाता है। विभिन्न संगठन उत्तर प्रदेश के पुर्नगठन की मांग उठाते आ रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार हमेशा इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रही। लेकिन मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए उत्तर प्रदेश के पुर्नगठन केंद्र सरकार की मजबूरी बन गया है। दिल्ली में इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है।
विभिन्न संगठनों की उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटने की मांग थी। पूर्वांचल, पश्चिमांचल,अवध और बुंदेलखंड। सुत्रो का कहना है कि केंद्र सरकार जातिय व राजनीतिक गणित को देखते हुए उत्तर प्रदेश को तीन खंडों में बांटने की तैयारी कर रही है।पहला पूर्वांचल दूसरा अवध तीसरा पश्चिमांचल।
कारण जानिए मोदी क्यूं करेंगे उत्तर प्रदेश का पुर्नगठन
हर राजनीतिक दल वोटरो को आकर्षित करने के लिए किसी ना किसी एजेंडे पर चलता है। राम मंदिर निर्माण भाजपा का मुख्य एजेंडा था, इसके सहारे भाजपा ने सत्ता हासिल की। अब राम मंदिर मुद्दा नहीं रहा। इसलिए विगत लोकसभा चुनाव में भाजपा का मत प्रतिशत घट गया। समाजवादी पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ा। इससे भाजपा की नींद हराम हो गई। उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव का डर सताने लगा क्योंकि भाजपा का वोट बैंक आधार स्वर्ण जातियों व ओबीसी में अपर क्लास पर आधारित था। जो भाजपा से छिटकता जा रहा है।
दूसरी तरफ अखिलेश यादव को जो विगत चुनाव में बढ़त मिली, उससे भाजपा को चिंता में डाल दिया। इसलिए अखिलेश यादव की लकीर से बड़ी लकीर खिंचना भाजपा की मजबूरी बन गयी।अगर विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव अपनी सीटें बढ़ाने में सफलता मिल गई तो उत्तर प्रदेश भाजपा के हाथ से निकल सकता है।भाजपा के सामने अखिलेश यादव तो सिरदर्द है ही, उससे भी बड़ा सिरदर्द योगी आदित्यनाथ है। जो अपनी कार्यशैली के दम पर जनता में मोदी से बड़ा चेहरा बन गए है। और उनकी पीठ पर आर एस एस का हाथ है।ये ही मोदी और अमित शाह की परेशानी है कि योगी की लकीर से बड़ी लकीर कैसे खींची जाए।
इसके लिए दिल्ली में मंथन चल रहा है कि अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ को कैसे रोका जाए। मंथन के बाद एक ही बात निकल कर आई कि उत्तर प्रदेश का पुर्नगठन करके अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ को रोका जा सकता है। योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। अखिलेश यादव का राजनीतिक कैरियर भी खत्म हो जाएगा। इसलिए दिल्ली में उत्तर प्रदेश के पुर्नगठन पर काम शुरू कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश का तीन टुकड़ों में विभाजन किया जायेगा। पूर्वांचल,अवध और पश्चिम प्रदेश। ये भी कहा जा रहा है कि स्वर्ण जातियों और ओबीसी में अपर क्लास को वापिस लाने के लिए पश्चिम की कमान जंयत चौधरी को सौंपी जा सकती है। राजनीतिक चर्चाओं के अनुसार उत्तर प्रदेश पुनर्गठन के बाद सपा,बसपा शून्य में चले जायेंगे, वहीं योगी पर भी लगाम कसी जा सकेगी। इसलिए आने वाले समय में जल्दी ही उत्तर प्रदेश के विभाजन की खबर आ सकती है।
पृथक पश्चिम प्रदेश आंदोलन में शामिल हो, पायें आर्थिक आजादी और सुरक्षा। भगत सिंह वर्मा राष्ट्रीय अध्यक्ष पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा 9719664481, विरेन्द्र चौधरी पत्रकार 8057081945/9410201834
यूपी का विभाजन अखिलेश यादव को कमजोर करेगा योगीजी की शक्ति में कमी आएगी और यह यूपी की लोकसभा में बड़ी हुई शक्ति को भी सीमित कर केंद्र सरकार को बल देगा जिससे केंद्र सरकार फिर यूपी पर निर्भर न होगी और यूपी की विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति को स्वतंत्र होने पनपने का अवसर देगा। अभ्जी यूपी पर पूर्वांचल हावी रहता है और पश्चिमांचल दयनीय अवस्था मे दिखता है। क्योंकि यहां लोग जुझारू है राजनीतिक चेतना कम है आने काम से कम है। अक्सर नकारात्मकता के लिए जाने जा है है जस साम्प्रदायिक दंगे किसान आंदोलन
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