शिकायत डिफाल्टर मिली तो अधिकारी की जिम्मेदारी होगी तय - जिलाधिकारी

 डीएम की अध्यक्षता में आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के संबंध में हुई बैठक •• शिकायतों का समयबद्धता के साथ गुणवत्तापरक हो निस्तारण •• शिकायत डिफाल्टर मिली तो अधिकारी की जिम्मेदारी होगी तय - जिलाधिकारी


विरेन्द्र चौधरी/शुशील कुमार 

सहारनपुरजिलाधिकारी श्री मनीष बंसल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित नवीन सभागार में आईजीआरएस प्रकरणों के संबंध में बैठक हुई।
        बैठक में श्री मनीष बंसल ने कहा कि आईजीआरएस पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए। असंतोषजनक निस्तारण एवं फीडबैक के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि असंतोषजनक फीडबैक की संख्या ज्यादा होने से जिले की ग्रेडिंग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सभी अधिकारी इस पर ध्यान दें कि शिकायतों के गुणवत्तापरक निस्तारण में लापरवाही न हो। अगस्त माह के प्रकरणों में असंतोषजनक फीडबैक की संख्या को कम करना होगा। शासन द्वारा विशेष जोर दिया जा रहा है कि समस्याओं का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए। जनशिकायतों का असंतोषजनक एवं गलत निस्तारण कतई न किया जाए।
        श्री मनीष बंसल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी विभाग का प्रकरण डिफाल्टर न हो। डिफाल्टर होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होने सभी अधिकारियों को कहा कि प्रतिदिन आईजीआरएस पोर्टल चैक करें। यदि कोई प्रकरण विभाग से संबंधित नहीं है तो उसे यथाशीघ्र वापस कर दें।
        शासन की तरफ से असंतोषजनक फीडबैक पर विशेष जोर दिया जा रहा है, इसलिये आवश्यक है कि शिकायत का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए तथा शिकायतकर्ता से अपने स्तर से भी फीडबैक लिया जाए। शिकायतकर्ता के संतुष्ट होने पर ही शिकायत को निस्तारित माना जाए। उन्होने जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि निरंतर अपने अधीनस्थों से भी पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के बारे में जानकारी लेते रहें और आवश्यकतानुसार अपने उच्च स्तरीय अधिकारियों से भी मार्गदर्शन प्राप्त करते रहें।
        इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्री सुमित राजेश महाजन, नगर मजिस्ट्रेट श्री गजेन्द्र कुमार, समस्त उपजिलाधिकारी एवं संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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