प्रिय पापा, मां, बडी और ग्रैनी..उम्मीद है जब मेरी चिट्ठी आपको मिलेगी मैं स्वर्ग में अप्सराओं की मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा रहा होऊंगा।
मुझे कोई अफसोस नहीं, अगर मैं फिर मनुष्य के रूप में जन्म लूं तो मैं सेना में भर्ती होकर अपने देश की सेवा करूंगा।
अगर आप आ सकें तो प्लीज इस जगह पर आकर देखिएगा कि भारतीय सेना ने आपके कल के लिए किस जगह पर युद्ध लड़ा।जहां तक मेरी यूनिट का सवाल है नए लड़कों को हमारे बलिदान के बारे में बताया जाए।
मैं उम्मीद करता हूं हमारी यूनिट में कर्णी माता के मंदिर में मेरी भी एक तस्वीर लगाई जाए।प्लीज अनाथाश्रम में दान देना बंद मत करिएगा और रुखसाना को हर महीने 50 रुपये भेजते रहिएगा।
पापा आपको गर्व होना चाहिए और मां आपको भी।
मेरे जाने का वक़्त आ गया है, मैं और मेरी असाल्ट पार्टी के 12 और......बेस्ट ऑफ लक, खुलकर जिंदगी जीना।
कैप्टेन रॉबिन थापर की जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
संकलन: विजयकांत चौहान
इस चिट्ठी को लिखते लिखते उसने कईं दुश्मन धराशाई कर दिये होंगे। उसे अपना बलिदान दिख गया था। तभी बलिदानी समय में उसने चिट्ठी लिख दी। बस मां ये ही कहेगी चिट्ठी आई है चिट्ठी आई है।
तेरा ये बलिदान याद करेगा हिंन्दुस्तान:; विरेन्द्र चौधरी पत्रकार 8057081945
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