पश्चिम उत्तर प्रदेश की धरती माँ का कर्ज आप कब उतारेगें -- कर्नल सुधीर कुमार
विरेन्द्र चौधरी
नौएडा। हाँ कर्ज की बात हो रही है क्योंकि आप की धरती मां , पैदावार, व्यापार, शिक्षा और खानपान के लिए प्रख्यात है। देश की रक्षा करने के लिए सेना में जवान सबसे ज्यादा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से है। अ०प्रा० कर्नल सुधीर कुमार ने कुछ सवाल खड़े किए हैं जो आपको सोचने को मजबूर कर देगें।
आज पैदावार इस धरती है और खा रहे है दूसरे लोग? आखिर क्यों? यहाँ की कमाई यहां क्यों नही लगती?आखिर क्यों बन गया सरकारी रोजगारों में लगभग शून्यता हिस्सेदारी का पश्चिमी प्रदेश?
खेल में सबसे ज्यादा खिलाड़ियों को जन्म देती पश्चिम प्रदेश की धरती और उन्हें ही नही मिलती सुविधा, आखिर क्यों?
यहाँ के मंदिरों का जीर्णोद्धार शून्यता का प्रतीक है? आखिर क्यों नही होता उद्धार मथुरा, शुक्रताल, विदुरकुटी, बृजघाट, गढ़ गंगा, शाकुम्भरी देवी और अन्य देवी देवताओं के मंदिरों का फिर से निर्माण?
आपने यहाँ की हवा में सांस ली? आपने यहाँ का पानी पिया क्या? लेकिन बाहर से आये लोग बन बैठे है यहाँ के मालिक और यहाँ की धरती माता की कोई कद्र नही? सौतेली माँ जैसा हो रहा है व्यवहार? आखिर क्यों?
पश्चिम प्रदेश के 27 जिलों को मिलाकर नये राज्य का निर्माण करो, और धरती माँ के कर्ज से मुक्त हो जाओ।
अपने फर्ज से भागो नही बल्कि एक दूसरे को इस संदेश को शेयर करके जगाने का कार्य कीजिये, विश्वास रखिये दीवाली पर अपने प्रदेश में दीपक जलेगा।आपके नए प्रदेश में।
सब संभव है , अपने कर्ज से मुक्त होने का यही सुनहरा अवसर है।7.5 करोड लोगो पर धरती माँ का कर्ज।
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