मनवमी का जुलुस तो एक बहाना है खरगोन में जो हुआ है वह गृह युद्ध की नेट प्रैक्टिस है जिसकी तैयारी बहुत पहले से इन राक्षसों ने कर रखी थी उस दिन किसी भी राक्षस में अपनी दुकान नहीं खोली और सभी राक्षसों में अपने घर की महिलाओं और छोटे बच्चों को शहर से बाहर अपने रिश्तेदारों के यहां भेज दिया पूरी घटना को एक प्री प्लान मिलिट्री ऑपरेशन की तरह अंजाम दिया गया है
एक हिन्दू महिला को आगे कर दिया गया कि देखिये ये मुसलमानों को बचा रही है और दलित पिछड़े वर्ग की है,यानी दंगा सवर्ण हिन्दू कर रहा है,mp में 6 प्रतिशत आबादी है इनकी ,खरगौन में 30 प्रतिशत, फिर भी ये मारते हैं और हिन्दू मार खाता है,रोता हुआ पुलिस और सरकार से मदद की गुहार करता है,लेकिन शान्तिधूर्त वे बहुत आगे है,एक वर्ग पीड़ित कार्ड खेलता है,कुछ लोग हिन्दुओ को बचाते फोटोशॉप कराते हैं,एक वर्ग मीडिया मैनेज करता है,दूसरा कोर्ट और तीसरा सामाजिक संघटन को ले कर आ जाता है संविधान की दुहाई सेकुलरिज्म की दुहाई सब किया जाता है,कुछ ज्यादा पढ़े लिखे uno ओर विदेशी मीडिया में भी छाप डालते हैं
बहुत अच्छा दंगा प्रबंधन है इनका ,मुस्लिम दुकानों पर हरी झंडियां पहले ही लग जायेगी,ताकि सिर्फ हिन्दुओ की दुकानें जले,ये वास्तव में निर्णायक युद्ध नही है उसमें अभी समय है ये छापामार युद्ध है,मीडिया नेता कुछ ही दिनों में भाईचारे ओर सबका साथ सबका विकास के गीत गाने लगेंगे,सब लोग कुछ ही दिनों में भूल भाल जाएंगे,दिल्ली दंगे किसे याद हैं अब,
समाज और धर्म सशक्त करने के अलावा आत्मरक्षा का और कोई तरीका नही है,ये हिंसा कही भी कभी भी ये लोग कर सकते हैं,सरकार इनका कुछ नही कर सकती,एक तैयार जागरूक सशस्त्र समाज ही इन राक्षशो से रक्षा कर सकता है
साभार एक देशभक्त 💥🌲🌷
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