पंजाब में शिक्षा के प्रति बड़े-बड़े दावे करने वाली आप सरकार खुद पंजाब की अधिकारिक भाषा पंजाबी भूली: हरीश सरोहा
विरेन्द्र चौधरी
पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) की नायब तहसीलदार के 78 पदों के लिए रविवार को होने वाली परीक्षा का आयोजन पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) की ओर से जारी करने में विफल रहने के बाद विवादों में आ गया है। इसी परीक्षा के संबंध में प्रेस को एक सूचना जारी करते हुए एंटी करप्शन क्राईम फोरस के अधयक्ष ने दावा किया कि यह भाषा अधिनियम,1967 और पंजाब भाषा (संशोधन) अधिनियम, 2008 का उल्लंघन है। हमने मामले का संज्ञान लिया है और इसे सरकार के समक्ष उठाया है। सरोहा ने कहा कि पंजाबी भाषा पंजाब राज्य की आधिकारिक भाषा है और इसका उपयोग पूरे पंजाब में आधिकारिक कार्यों के लिए किया जाता है। इसके साथ ही सरोहा ने कहा नायब तहसीलदार के पद पर अधिकांश काम पंजाबी भाषा में ही किया जाता है। इसलिए अकेले अंग्रेजी में परीक्षा पत्र जारी करने से पंजाबी भाषा में धाराप्रवाह लोगों के खिलाफ भेदभाव किया गया है। परीक्षा फिर से आयोजित की जानी चाहिए।
हरीश सरोहा ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भगवंत मान जी संगरूर से सांसद थे तो संसद में पंजाबी और हिंदी भाषा बोलते थे ओर लिखित में अर्जी दिया करते थे कि मेरी भाषा को ट्रांसलेट किया जाए क्योंकि उनके द्वारा पंजाबी हिंदी में बोले जाने वाले शब्दों को संसद अध्यक्ष व अन्य सांसदों के सामने अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में ट्रांसलेट करके भेजा जाए मगर पंजाब में पंजाब की अधिकारिक भाषा को छोड़कर परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के साथ यह आम आदमी सरकार ने ठीक नहीं किया उनको भी पंजाब की अधिकारिक भाषा पंजाबी व राष्ट्रीय भाषा हिंदी में परीक्षा देने का अधिकार देना था जो पंजाब सरकार ने ना देकर आम आदमी पार्टी पंजाब ने पढ़ी-लिखी नौजवान पीढ़ियों के सामने आप सरकार का पंजाब में शिक्षा के प्रति बड़े-बड़े दावे करने वाली बातों से खुद ही अपने खोखले, झूठे दावों से पर्दा उठाकर पंजाबियत का ढोंग करने वाली पंजाब की आम आदमी सरकार का असली रूप जनता के सामने कर दिया है आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब की अधिकारिक भाषा पंजाबी को भी चंद दिनों में भूल गई और बहुत कम समय में ही अपने आलाकमान केजरीवाल जी के रंग में रंग गई तभी तो पंजाब की अधिकारिक भाषा पंजाबी ओर हिंदी को भूल कर अंग्रेजी में परीक्षा पत्र तैयार किया गया
ऐसा भी सुनने मे आ रहा है कि यह परीक्षा पेपर दिल्ली से तैयार हुआ है। यह पंजाब राजभाषा अधिनियम, 1967 और पंजाब आधिकारिक भाषा (संशोधन) अधिनियम, 2008 का उल्लंघन है तथा सविधान की 8 वीं अनुसूची का भी । आप की सरकार को परीक्षा के लिए अधिनियम का पालन करना आवश्यक था।
Punjab govt must take this exam in punjabi languagae otherwise the union of Naib tehsildar 78.will agitate and submit writ in highcourt as well as in supreme court.It is final in our state level meeting of the union of Naib Tehsildar 78 of Punjab...
For Contact for writ Petition.
Harish Saroha.
9876589750
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