जहां तक भारत के विभाजन की बात है ,इस बात का कोई सबूत नहीं है कि विभाजन गांधी जी के कहने से हुआ था लेकिन इस बात के दस्तावेजी सबूत आज भी मौजूद हैं कि देश का बंटवारा मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना की मांग पर ही हुआ था जिसका समर्थन हिंदू महासभा की ओर से वीर सावरकर ने किया था।बंटवारे की जिम्मेदार मुस्लिम लीग के साथ हिंदू महासभा के गठबंधन के दस्तावेजी सबूत भी मौजूद हैं जब हिंदू महा सभा और मुस्लिम लीग ने मिलकर देश के कई सूबों में सरकार बनाई थी।लेकिन फिर भी बंटवारे का दोषी गांधी जी को ही बताया जाता है।असल में अपने फायदे के लिय बोले गए झूठ को बहुत तेजी से फैलाया जाता है और उसके चाहने वाले संख्या में भी ज्यादा होते हैं जो उसको कभी मरने नहीं देते,इसीलिए ये झूठ आज भी जिंदा है।
इसके अलावा विभाजन को लेकर एक और बात,असल में देश की आजादी में भारत के मुस्लिम का योगदान भी कम नहीं था लेकिन बंटवारे के दंश ने भारत में उनकी विश्वसनीयता को हमेशा के लिय कठघरे में खड़ा कर दिया इसी कारणआज भी उनके ऊपर पाकिस्तान परस्ती के इल्जाम लगते रहते हैं।भारत के मुसलमानो को इसकी पीड़ा लगातार झेलनी पड़ती है।पाकिस्तानी मुस्लिम की कुछ हरकतें भी इसकी जिम्मेदार हैं,यह भी कटु सत्य है कि बंटवारे के वक्त कत्लेआम की शुरुआत पाकिस्तानी मुस्लिम ने ही की थी जिससे पैदा हुई सामाजिक नफरत आज भी हिन्दुस्तानियों को कचौटती रहती है,इसके अलावा पाकिस्तानी मुस्लिम ने कश्मीर के बहाने आजादी से लेकर आज तक भी भारत में हिंसक घटनाएं बंद नहीं की इस का असर भी भारतीय समाज के अमन और चैन पर लगातार पड़ता रहता है और पाकिस्तानी मुस्लिम की इन करतूतों का साया भारतीय मुस्लिम पर भी पड़ता रहता है,क्योंकि पाकिस्तान हमेशा भारतीय मुस्लिम से मुहब्बत का मुखौटा पहनकर रखता है जबकि जो भारतीय मुस्लिम बंटवारे के वक्त पाकिस्तान में जाकर बस गए थे उनके प्रति पाकिस्तानी मुस्लिम का व्यवहार भारतीय मुस्लिम के प्रति उनकी मुहब्बत की पोल खोलता रहता है उनको वहा पर मुहाजिर बना रखा है।असल में देश में भारत के मुस्लिम की विश्वनीयता पर सवालों का एक ही कारण रहा "बंटवारा" जो हिंदू और मुस्लिम दोनों तरफ के कट्टरपंथियो की मिलीभगत से हुआ था।इस बारे में गांधी जी को तो बंटवारे के जिम्मेदार कुछ लोगों ने खुद के बचाव में बलि का बकरा बना रखा है।रविन्द्र चौधरी की वाल से
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