मकर संक्रांति पर्व से बदल जाता है दिन और रात का समय-ठाकुर सुर्यकांत

मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है। इसी वजह से भारत में सर्दियों में रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं। लेकिन मकर संक्रांति के साथ, सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर अपनी यात्रा शुरू करता है और इसलिए, दिन बड़े और रातें छोटी होंगी-सुर्यकांत

सहारनपुर।हिंदू जागरण मंच महानगर सहारनपुर के  तत्वावधान मे 14 जनवरी को मकर सक्रांति बालाजी चौक निकट संत वाई के दास स्कूल वर्धमान कॉलोनी पर आहूत किया गया । कार्यक्रम को अध्यक्षता महानगर संयोजक अनिल अरोड़ा ने की संचालन सह संयोजक अश्वनी शर्मा ने किया। प्रांत सह संयोजक ठा. सूर्यकान्त सिंह मुख्य अतिथि रहे।

 इस अवसर पर कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा मकर संक्रांति का महत्व-मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है। इसी वजह से भारत में सर्दियों में रातें बड़ी और दिन छोटे होते हैं। लेकिन मकर संक्रांति के साथ, सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर अपनी यात्रा शुरू करता है और इसलिए, दिन बड़े और रातें छोटी होंगी संक्रांति को देवता माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, संक्रांति ने संकरासुर नाम के एक राक्षस का वध किया था। मकर संक्रांत के अगले दिन को कारि दिन या किंक्रांत कहा जाता है। इस दिन देवी ने राक्षस किंकारासुर का वध किया था। पंचांग में मकर संक्रांति की जानकारी मिलती है। पंचांग हिंदू पंचांग है जो संक्रांति की आयु, रूप, वस्त्र, दिशा और गति के बारे में जानकारी प्रदान करता है संक्रांति गतिविधियों, जैसे स्नान करना, भगवान सूर्य को नैवेद्य (देवता को चढ़ाया गया भोजन) अर्पित करना, दान या दक्षिणा देना, श्राद्ध अनुष्ठान करना और उपवास या पारण तोड़ना, पुण्य काल के दौरान किया जाना चाहिए। यदि मकर संक्रांति होती है सूर्यास्त के बाद सभी पुण्य काल क्रियाएं अगले सूर्योदय तक के लिए स्थगित कर दी जाती हैं। इसलिए, सभी पुण्य काल क्रियाएं दिन के समय में की जानी चाहिए। इस अवसर पर हमे हिन्दू जागरण मंच के पंच कार्यो महिला संरक्षण व सम्मान,  संवेदनशील क्षेत्रो का प्रबंधन,अवैध गतिविधि, अतिक्रमण, स्वावलंबन  को द्रुत गति से चलाने का संकल्प लेते है।  तथा परम वैभव राष्ट्र की संकल्पना को साकार करे। 

इस अवसर पर अनिल अरोड़ा मांगे राम त्यागी अश्वनी शर्मा संदीप शर्मा पारस मोनू बिजेंद्र विकास सुनील रजत गोयल  विनोद सम्भव श्रीशांत अर्पित धर्म सिंह वंश रामपाल अभिनव अजय संजीव जय कुमार रवि सैनी आदि ने सह भोज मे भाग लिया तथा खिचड़ी प्रसाद का वितरण करके समाज के मंगल की कामना की। 

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