मुज्जफराबाद के खंड शिक्षा अधिकारी नर्सरी क्लासों के नाम पर नोटिस देकर कर रहे शोषण को नहीं करेंगे बर्दाश्त -- अशोक मलिक

आक्रोशित संचालको ने जमीन पर बैठ कर दिया धरना ••पूर्व में निष्कासित खंड शिक्षा अधिकारी ने बिना चार्ज लिए ही एक सप्ताह पूर्व टी सी के नाम पर शुरू कर दिया शोषण •• अनुशासनहीनता की हो कार्यवाही •• मुज्जफराबाद के खंड शिक्षा अधिकारी नर्सरी क्लासों के नाम पर नोटिस देकर कर रहे शोषण को नहीं करेंगे बर्दाश्त -- अशोक मलिक


विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर। उ0प्र0 मान्यता प्राप्त वि़द्यालय शिक्षक संघ से जुड़े निजी स्कूल संचालकों ने आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष डा.अशोक मलिक के नेतृत्व में कार्यालय का घेराव कर आक्रोशित होकर जमीन पर बैठकर धरना दिया।
              धरने को सम्बोधित प्रदेश अध्यक्ष डा.अशोक मलिक ने कहा कि नगर खण्ड शिक्षा अधिकारी भारी अनियमितता बरत रहे हैं तथा निजी स्कूल संचालकों का टी सी के नाम पर उत्पीड़न कर रहे हैं, बिना चार्ज लिए ही कार्यालय में स्कूल संचालकों को परेशान कर रहे हैं। इसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही करायी जानी आवश्यक है। क्योंकि इनका रिकार्ड पहले से ही खराब है। महानगर सहारनपुर जैसा महत्वपूर्ण क्षेत्र नहीं दिया जाना चाहिए भ्रष्टाचार में लिप्त मुजफ्फराबाद के खंड शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी नगर के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो एक सप्ताह उपरांत प्रदर्शन कर आंदोलन करेंगे।

श्री मलिक ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि बीएसए परिषद के स्कूलों में बिना टी0सी0 के प्रवेश दिलाये जा रहे हैं। जो गलत है, शिक्षा विभाग निजी स्कूलों के यूडाईस पोर्टल से बच्चों को लेफ्ट कर देते हैं और निजी स्कूलों को हजारों रूपये की हानि होती है, इसे रोका जाये, परिषद के एक स्कूल में तीन से चार स्कूल मर्ज कराकर चलाये जा रहे हैं, तो हमारे स्कूलों को भी स्थान परिवर्तन का अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि अधिकतर स्कूल किराये की बिल्डिंगों में संचालित होते हैं।
संघ के प्रदेश सचिव अमजद अली व जिलाध्यक्ष केपी सिंह ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि मान्यता प्राप्त हिन्दी माध्यम स्कूलों के नर्सरी से 12वीं तक के बच्चों के डाटा ऑनलाईन फिडिंग कराने के लिए कम्प्यूटर आपरेटर व कम्प्यूटर या लैपटॉप की व्यवस्था की जाए। क्योंकि हिन्दी माध्यम स्कूल न्यूनतम शुल्क पर गरीब, दुर्बल वर्ग के बच्चों को पढ़ाते हैं, जिस बच्चे का पैन नम्बर जनरेट होने पर रजिस्टर की अनिवार्यता समाप्त होनी चाहिए, नर्सरी कक्षाओं के नाम पर निजी स्कूलों का खण्ड शिक्षा अधिकारी मुजफ्फराबाद शोषण कर रहे हैं, और भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए हैं।
महानगर प्रभारी अजय रावत व महानगर अध्यक्ष गयूर आलम ने कहा कि शासन द्वारा निर्देशित किया गया था कि पैन नम्बर न होने पर छात्र को प्रवेश के लिए नहीं रोका जा सकता इसके उपरान्त भी पैन नम्बर जनरेट नहीं होने के कारण निजी स्कूल के संचालकों का शोषण किया जा रहा है। सूचनाओं व जांचों के नाम पर मानसिक व आर्थिक शोषण किया जाता है, इस पर तत्काल विराम लगे। निजी स्कूलों के संचालकों से प्रतिवर्ष मान्यता की कापी मांगी जाती है, जबकि यूडाई पोर्टल पर स्कूल प्रदर्शित होने पर कापी मांगने का कोई औचित्य नही बनता है। गत वर्ष का आरटीई का एक दर्जन से अधिक स्कूलों का बकाया भुगतान को अविलम्ब दिलाया जाये।
आक्रोशित शिक्षकों ने बीएसए को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता पर नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा। 

धरने पर अमजद अली एड., के.पी.सिंह, अशोक सैनी, गयूर आलम, हंस कुमार, प्रवीन गुप्ता, अजय रावत, अब्दुल कादिर, मेहताब अली,जयपाल सिंह, सुलेमान, महेश बजोरा, प्रमोद कुमार, संजीव शर्मा, नरेश वर्मा, धनवीर सिंह, आतिफ अली, नरेन्द्र कुमार, मौ.बुरहान, अनिल सचदेवा, परमेश कुमार, सोनू कुमार, विनोसी राम आदि भारी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे। धरने की अध्यक्षता अमजद अली ने संचालन प्रकाश पाण्डेय ने किया।
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