माहवारी स्वच्छता दिवस पर बोली लड़कियां हम शर्माना छोड़ेंगे मिलकर चुप्पी तोड़ेंगे

विरेन्द्र चौधरी

 सहारनपुर।अंतर्राष्ट्रीय माह्वारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर, झुग्गी झोपड़ी बस्ती खलासी लाइन में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ अर्चना द्विवेदी की गरिमामय उपस्थिति में मासिक धर्म के संबंध में "हम शर्माना छोड़ेंगे मिलकर चुप्पी तोड़ेंगे" टैगलाइन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। 


जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती आशा त्रिपाठी, बाल विकास परियोजना अधिकारी डॉ अनीता सोनकर, चिकित्सा चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर गोयल , स्थानीय पार्षद श्री उपस्थित रहे कार्यक्रम में महिलाओं एवं किशोरियों को माहवारी एवं मासिक चक्र के बारे में बताते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी डॉ अनीता सोनकर ने परामर्श सत्र भी आयोजित किए एवं उनके अनुभवों को साझा किया माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए उनसे चर्चा की तथा किशोरियों से आपसी संवाद स्थापित करते हुए उनकी चुप्पी तोड़ी और उनसे अपनी माहवारी का पहला अनुभव कैसा रहाआपकी संवाद स्थापित करते हुए उनकी चुप्पी तोड़ी और उनसे अपनी माहवारी का पहला अनुभव कैसा रहा इस बात पर बोलने के लिए कहा- कई किशोरी है उन्हें पहले संकोच किया बाद में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अपनी अपनी समस्याओं और अनुभवों को साझा किया तथा सुश्री शबनूर ने माहवारी के दौरान कौन-कौन सीसमस्याओं और अनुभवों को साझा किया तथा सुश्री शबनूर ने माहवारी के दौरान कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए इस पर चर्चा की और बहुत हीबहुत ही अच्छे ढंग से पैड के इस्तेमाल का तरीका बताया। डॉ अनीता सोनकर ने सभी को यह बताया कि महावारी के दौरानडॉ अनीता सोनकर ने सभी को यह बताया कि माहवारी के दौरान उचित आराम करना चाहिए गर्म पानी से नहाना चाहिए यदि संभव हो तो गर्म पानी से सिकाई करनी चाहिए कोशिश थोड़ा टहलना जरूर चाहिए इसके साथ ही साथ सबसे महत्वपूर्ण बात की पूरक आहार लेना चाहिए इसके साथ हीथोड़ा टहलना जरूर चाहिए इसके साथ ही साथ सबसे महत्वपूर्ण बात की पूरक आहार लेना चाहिए इसके साथ ही ऐसा आहार लेना चाहिए जिसमें आयरन के तत्व अधिक हो हमें खाना खाने के बाद चाय या कॉफी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि इससे खाने में उपलब्ध आयरन का अवशोषण नहीं हो पाता और हमारे शरीर में खून बनने की प्रक्रिया बाधित होती है क्योंकि हम सभी किशोरियों एवं महिलाओं को हर माह रक्त स्राव होता है जिससे हमारे शरीर को पर्याप्त खून की आवश्यकता होती है और यह तभी होगा जब हम ऐसा खाना खाएंगे जिससे हमारे शरीर में खून बन सके इसलिए सभी को अपने शरीर में एनीमिया ना होने पाए ऐसे प्रयास जरूर करनी चाहिए। पैड/ कपड़े का इस्तेमाल , 4 घंटे से अधिक कभी भी नहीं करना चाहिए और उसका उचित निपटान करना चाहिए पेट या कपड़े को खुले स्थान पर ना फेंककर किसी गड्ढे में फेंके। अपने आसपास गंदगी जमा न होने दें आप आसपास साफ सफाई रखें। मासिक धर्म पर खुलकर चर्चा करें अपने परिवार के पुरुष सदस्यों से जरूर बात करें और जिस समय बच्ची को यह महिलाओं को माहवारी है उस समय परिवार को यह चाहिए कि उसे मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का आराम दिया जाए और उसे ऐसा माहौल दें जिससे माह के उन दिनों में हमारी बच्ची और हमारी महिला को भरपूर देखभाल और आराम मिले तथा स्वास्थ्य और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए माहवारी को समस्या न समझकर प्राकृतिक प्रक्रिया समझते हुए इसके साथ जीवन जिया जाए।

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