झण्डा बनाने में खादी अथवा हाथ से कता हुआ कपडा, मशीन से बना हुआ कपडा, सूती, पॉलीस्टर, ऊनी, सिल्क आदि का होगा उपयोग--प्लास्टिक का झण्डा उपयोग में न लाया जाये--हर घर तिरंगा अभियान में झण्डा सम्मान के साथ झण्डा संहिता का करें अनुपालन
सूचना विभाग
सहारनपुर, दिनांक 27 जून, 2022।जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह ने हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाये जाने एवं योजना के कार्यान्वयन के संबंध में संबंधित को निर्देश दिए कि प्रत्येक झण्डा बनाने वाले स्वयं सहायता समूह एवं अन्य संस्थानों को झण्डे के आकार के बारे में स्पष्ट निर्देश जारी किये जाये। उन्होने कहा कि झण्डे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लम्बाई एवं चौडाई का अनुपात 3ः2 होना चाहिए अर्थात झण्डे की लम्बाई 03 फीट हो तो चौडाई 02 फीट होनी चाहिए।श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि झण्डा बनाने की सामग्री खादी अथवा हाथ से कता हुआ कपडा, मशीन से बना हुआ कपडा, सूती, पॉलीस्टर, ऊनी, सिल्क आदि हो सकती है। झण्डे के तीन रंगों में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद तथा नीचे हरे रंग का प्रयोग कर बनाये जायेंगे। सफेट पट्टी में 24 तीलियों वाले अशोक चक्र को बाद में प्रिन्ट किया जाना चाहिए। उन्होने कहा कि नोडल का यह दायित्व होगा कि हर घर झण्डा फहराने हेतु नागरिकों को झण्डा फहराने की विधि तथा अन्य जानकारियों से स्पष्ट रूप से अवगत कराया जाये। प्रत्येक नागरिक को अपने आवास, स्कूल तथा सरकारी कार्यालयों में झण्डा सम्मान के साथ झण्डा संहिता का अनुपालन करते हुए फहराना होगा। झण्डा फहराते समय सदैव केसरिया रंग की पट्टी झण्डे के ऊपर की तरफ होनी चाहिए। झण्डा उतारने के बाद किसी भी नागरिक के द्वारा इसे फेंका नहीं जायेगा। उसे सम्मान के साथ फोल्ड करके रखा जाना चाहिए।
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