क्या आप चाहते हो स्कूल और अस्पताल सरकारी हो तो आपकों क्या करना है

 


क्या आप चाहते हो स्कूल और अस्पताल सरकारी हो तो आपकों क्या करना है••आपको पृथक पश्चिम प्रदेश आंदोलन से जुड़ना है--विरेन्द्र चौधरी 

डीपी सिंह/अतुल शर्मा 

सहारनपुर। शिक्षा और स्वास्थ्य आपके विचारों और संस्कारों का निर्माण करता है। शिक्षा के अभाव में आपका जीवन शून्य हो जाता है। मंहगाई के दौर में अधिकतर मां बाप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य नहीं दे पाते। अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सरकारों की जिम्मेदारी है। इसके लिए आपको कुछ करना होगा।

पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विरेन्द्र चौधरी का कहना है कि आज शिक्षा बहुत मंहगी हो गई है। सरकारी स्कूलों में अधिकांश मास्टर या तो आते ही नहीं,आते हैं तो सिर्फ हाज़िरी लगाने। बहुत कम अध्यापक ऐसे हैं जो बहुत ईमानदारी से अपना फर्ज़ निभा रहे हैं। सरकार स्कूलों के प्रति संवेदनशील नहीं दिखाई देती। इसी का फायदा उठाकर प्राइवेट स्कूलों ने शिक्षा को व्यापार बना दिया है। आज प्ले स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी तक शिक्षा इतनी महंगी हो गई है कि आम आदमी ऐसे स्कूलों में शिक्षा नहीं दिला सकता। आइटी, मैडिकल की शिक्षा दिलाने के लिए प्राइवेट सैक्टर में फीस लाखों से एक सवा करोड़ तक पहुंच गई है। जिसका पेमेंट आम आदमी के औकात से बाहर है।

आज देश में सरकारी चिकित्सा के हालातों के बारे में सब जानते हैं कि सुविधाओं के अभाव में अति मजबूर के अलावा कोई अपने मरीज का इलाज नहीं कराना चाहता। प्राईवेट हास्पिटल इतने मंहगे है कि पेशेंट का परिवार कर्ज में डूब जाता है या लाखों खर्च करने के बाद भी अपने पेशेंट की लाश लेकर ही घर लौटता है। प्राईवेट हास्पिटल हास्पिटल ना होकर लूटेरों का अड्डा बन गये है।इसके पीछे एक ही कारण है जब करोड़ों रुपए खर्च करके एक युवा डाक्टर की ड्रिगी हासिल करेगा तो उससे आप ईमानदारी इंसानियत व उसके द्वारा सस्ते इलाज की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। अगर करोड़ों रुपए खर्च करने के बजाय डाक्टर सरकारी यूनिवर्सिटी में पढ़कर ड्रिगी हासिल करता,तो वो डाक्टर ही बनता,लूटेरा नहीं।

विरेन्द्र चौधरी ने कहा आम आदमी के भी सपने हैं उसका बच्चा अच्छी शिक्षा लेकर इंजिनियर बने, डाक्टर बने या आईएएस आईपीएस अधिकारी बने। लेकिन पैसे के अभाव में सपने टूट जाते हैं। उन्होंने कहा शिक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकारों को उठानी चाहिए।इसके लिए सरकार को सरकारी यूनिवर्सिटी और कालेज खोलने होंगे। उत्तर प्रदेश में ये मुमकिन नहीं है क्योंकि बड़ा प्रदेश है, राजनीति में पूरब का बोलबाला है। जिसके चलते सरकारी यूनिवर्सिटी, सरकारी हास्पिटल पूरब में चली जाती है। पश्चिम प्रदेश के हिस्से में आती है लूटेरों की यूनिवर्सिटी। अगर आप भी चाहते हैं आपके बच्चे इंजिनियर बने, डाक्टर बने, आईएएस पीसीएस बने तो पृथक पश्चिम प्रदेश निर्माण जरूरी है। पृथक पश्चिम प्रदेश निर्माण के लिए बड़ा आंदोलन, बड़े आंदोलन के लिए चाहिए बड़ा संगठन और आपका सहयोग। अगर आप लोग मेरी बात से सहमत हैं तो मेरी बात को जनता में जाकर बतायें अगर हम गलत है तो हमें बताएं। आपके बच्चों के भविष्य के लिए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा आंदोलित है,आप आंदोलन से जुड़े, हमारे साथ आएं। छोटा प्रदेश होगा तो हमारी पीढ़ियों का भविष्य भी उज्जवल होगा।

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