क्षेत्र के सर्वांगीण विकास एवं कृषकों की आय में वृद्धि के लिए जल संरक्षण अनिवार्य--भविष्य के दृष्टिगत आने वाली पीढियों के लिए जल संरक्षित करना हमारा नैतिक दायित्व--सीडीओ
क्षेत्र के सर्वांगीण विकास एवं कृषकों की आय में वृद्धि के लिए जल संरक्षण अनिवार्य - सीडीओ
जल की महत्ता को समझें एवं जल संचयन में तकनीकि का प्रयोग कर उत्पादकता बढाएं••कृषि भूमि में विस्तार से सृजित होंगे रोजगार••भविष्य के दृष्टिगत आने वाली पीढियों के लिए जल संरक्षित करना हमारा नैतिक दायित्व••योजनाओं के क्रियान्वयन में ग्रामवासियों की सहभागिता ही जनपद को ले जायेगी समृद्धि की ओर
Edit by विरेन्द्र चौधरी
सहारनपुर। दिनांक 07 फरवरी, 2023 (सू0वि0) मुख्य विकास अधिकारी श्री विजय कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में दोपहर 12ः00 बजे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के अन्तर्गत जलागम विकास घटक योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गयी।श्री विजय कुमार ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार की इस योजना में चयन होना जनपद के लिए अच्छी बात है। यह गंगा-यमुना का दोआब क्षेत्र है और यहां की भूमि भी बहुत उपजाऊ है। इस योजना का उद्देश्य जल के स्त्रोंतों का संरक्षण करना है। उन्होने कहा कि फसलांे की सिंचाई में ऐसे तरीकों को अपनाया जाए जिससे पानी की कम से कम खपत हो। कोई भी योजना तभी सफल होती है जब उसमें जनसहभागिता सुनिश्चित हो। जल संरक्षण के साथ प्रत्येक व्यक्ति को जोडा जाए। भूजल का प्रयोग उतना ही किया जाए जितना आवश्यक हो। पानी की महत्ता को समझें और इसको बरबाद न करें। उन्होने कहा कि यह योजना भूमिहीन कृषक, खेतीहर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना, आजीविका संवर्द्धन के अन्तर्गत बेरोजगार ग्रामीणों युवकों एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु, वर्षा जल के संचय करके फसलों की उत्पादकता के साथ-साथ जल स्तर में वृद्धि हेतु तथा कटावग्रस्त भूमि की रोकथाम करने के जिउ है। उन्होने रहीम जी के दोहे के माध्यम से पानी की महत्ता को प्रकट करते हुए कहा कि बिना पानी के जीवन का कोई महत्व नहीं है।
उप कृषि निदेशक डाॅ0 राकेश कुमार ने योजना उद्देश्यों के बारे में बताते हुए कहा कि अकृष्य क्षेत्र का सुधार करते हुए कृषि क्षेत्र में वृद्धि करना, क्षेत्र में फसलोत्पादन वृद्धि, कृषि वानिकी उधानीकरण, पशु पालन, मछली पालन आदि कार्यों में वृद्धि, लघु उद्योगों का सृजन कर रोजगार उपलब्ध कराना, लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना, लाभार्थियों का क्षमता विकास करते हुए कृषि की नयी नकनीकियों को बढावा देना, जल स्त्रोतों को रिचार्ज करना एवं जल स्तर को स्थिर बनाये रखना एवं जल के प्रभावी उपयोग को बढावा देना है।
कार्यशाला में भूमि संरक्षण अधिकारी श्री राम जतन मिश्र, जिला कृषि अधिकारी श्री धीरज कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक श्रीधर पात्रा, कृषक श्री सेठपाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान एवं कृषक उपस्थित रहे।
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