जाट संसद में संजीव बालियान भाजपा मंत्री उत्तर प्रदेश विभाजन पर बोलने को हुए मजबूर : अब गरमा जायेगा पश्चिमी प्रदेश विभाजन मुद्दा

 केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान पहुंचे जाट संसद सम्मेलन में••••पश्चिमी उत्तर प्रदेश विभाजन पर बोलने को हुए मजबूर••••अब चुनाव से पहले गरमा जायेगी पश्चिम प्रदेश विभाजन की राजनीति••••पश्चिम प्रदेश में आंदोलन होगा गतिमान 

जाट संसद में बोले संजीव बालियान पश्चिमी प्रदेश उनका सपना है 
विरेन्द्र चौधरी 

मेरठ/सहारनपुर। विगत दिनों मेरठ के सुभारती विश्वविद्यालय में जाट संसद का आयोजन किया गया। जहां विभिन्न देशों से जाट,जाट संसद में पहुंचे थे। वैसे तो जाट संसद के आयोजन के विभिन्न मुद्दे थे। लेकिन जो असल मुद्दे थे वो मेरे हिसाब से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभाजन और जाट आरक्षण का था। ऐसा आम आदमियों से चर्चा के बाद सामने आया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश विभाजन को लेकर दर्जन भर संगठन काम कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर संगठनों के प्रतिनिधि जाट संसद में मौजूद रहे।

जाट संसद जो बात सबसे खास रही़

जाट संसद में जो बात सबसे खास रही उसको बताने से पहले एक बात बतानी जरूरी है। पश्चिम प्रदेश ही नहीं उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल,अवध प्रदेश, बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश विभाजन को लेकर  अनेक संगठनों ने विभाजन को लेकर आंदोलन छेड़ रखें है, लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हो रहा है। क्योंकि हर संगठन का मुखिया अपने आप में अकेला हैं किसी मुखिया में इतना आकर्षण नहीं है कि वो जनता को आकर्षित कर सके। किसी संगठन के मुखिया के पास नीति निर्धारण समिति नहीं है जो मुखिया कहे वो सही। किसी भी संगठन के मुखिया को ये बर्दाश्त नहीं कि उसका कोई प्रतिनिधि कोई राय दे। शायद इसीलिए चारों प्रदेशो की मांग के बावजूद आंदोलन से में कोई गति नहीं है। दिशाहीन गतिहीन असंगठित आंदोलन क्या उत्तर प्रदेश का विभाजन करा पायेगा,ये अपने आप में एक बहुत बड़ा सवाल है । 

दूसरी तरफ पूर्व की सरकारों में या वर्तमान सरकार में जितने भी कद्दावर नेता, विधायक,सांसद हैं,ये सब हाईकमान के सामने नतमस्तक है, अपने धंधे करने में मशगूल हैं।इन लोगो को अपनी अपनी चिंताएं हैं,जन समस्याओं से इन्हें कोई सरोकार नहीं है। यही कारण है कभी किसी कद्दावर नेता ने, विधायक या सांसद ने कभी उत्तर प्रदेश विभाजन की मांग को नहीं उठाया। कभी परोक्ष या अपरोक्ष रूप से उत्तर प्रदेश विभाजन की बात नहीं की। क्योंकि वो जानते हैं जन से राजधानी जितनी दूर रहेंगी, उससे उन्हें फायदा मिलता रहेगा। क्योंकि -99 प्रतिशत लोग भी  700 किमी दूर राजधानी नहीं पहुंच पाते। ये ही उनके लिए फायदेमंद है। इसलिए विधायक सांसद कद्दावर नेता प्रदेश विभाजन की मांग से बचते रहे हैं।

संजीव बालियान केन्द्रीय मंत्री पहुंचे जाट संसद में

केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान जाट संसद में जब मेरठ पहुंचे तो वहां के माहौल में जाट आरक्षण और पश्चिमी उत्तर प्रदेश विभाजन पर माहौल देख उन्हें भी अपनी जुबान बदलनी पड़ी,ऐसा मेरा आकलन है। इससे पहले कभी नहीं सुना कि पश्चिम प्रदेश निर्माण पर बालियान कुछ बोले हो। इस बार जाट संसद में संजीव बालियान ने कहा मेरा सपना सच था एक दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश बनेगा और मेरठ इसकी राजधानी होगा। यह कहकर पहली बार उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश विभाजन को परोक्ष रूप से समर्थन दे दिया। इससे आंदोलनकारी संगठनो को बल मिल गया। उनके इस ब्यान से आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम प्रदेश प्रदेश विभाजन मुद्दा गरमान तय है। ये भी तय है कि माहौल चाहे जो भी रहा हो, उन्होंने भी अपनी राजनीतिक लाभ हानि का आकलन अच्छी तरह  करके ही बोला होगा। अब उनके इस बोल का नतीजा है चाहे जो हो यह तय है आंदोलनकारी संगठन अब आक्रमक होगें। आंदोलन गतिमान होगा, साथ ही अब अन्य नेताओं को भी उत्तर प्रदेश विभाजन को लेकर बोलना पड़ेगा।

सही मौका है आंदोलन को गति देने का,आप भी आंदोलन में शामिल होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें,विरेन्द्र चौधरी पत्रकार 8057081945/9410201834

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