स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में हार-जीत तो होगी...अंतिम विजय हमारी हो इस सूत्र के साथ करें प्रयास.....जिलाधिकारी
जिलाधिकारी के नेतृत्व में आज पुनः जनपद बना सिरमौर••जिलाधिकारी ने आयुष्मान कार्ड बनाने में लगे कार्मिकों में राम की शक्ति पूजा उद्धत कर भरा उत्साह••स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में हार-जीत तो होगी...अंतिम विजय हमारी हो इस सूत्र के साथ करें प्रयास.....जिलाधिकारी
विरेन्द्र चौधरी सहारनपुर। जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र के अभिनव प्रयासों से आयुष्मान कार्ड बनाने में आज जनपद लगातार दूसरे दिन प्रथम स्थान पर रहा। जिलाधिकारी ने इस पर कहा कि आज की ये प्रतिस्पर्धा राम-रावण के उस युद्ध की याद दिला रही है जिसमें समस्त प्रकार से ऐसा लग रहा था कि युद्ध हाथ से निकलने वाला है। लेकिन युद्ध में प्रतिक्षण परिस्थितियां बदलती है और क्षण प्रतिक्षण हम अपनी मनोभाव पर नियंत्रण रखते हुए पराक्रम करते हुए शौर्य और बल के आधार पर युद्ध की रणनीति बनाकर जीतने का एक संकल्प लें और अंतिम विजय प्राप्त करें।जनपद सहारनपुर विगत तीन माह से आयुष्मान कार्ड बनाने में प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर था। परंतु विगत कुछ दिन से जनपद प्रदेश के एक अन्य जनपद से थोड़ा पीछा हो गया। उसके बाद जिलाधिकारी ने कार्मिकों में उत्साह भरा जिसके बाद आज जनपद लगातार दूसरे दिन प्रथम स्थान पर रहा। जिलाधिकारी ने जनपद को कामयाबी मिलने पर आयुष्मान कार्ड बनाने में लगे कार्मिकों को राम की शक्ति पूजा का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे क्षण अंधकार घन में जैसे
विद्युत जागी पृथ्वी-तनया-कुमारिका-छवि,
अच्युत देखते हुए निष्पलक, याद आया उपवन
उन्होंने पंक्तियों के भाव साझा करते हुए कहा कि जिस प्रकार राम चंद्र जी जब रावण से युद्ध कर रहे थे तो एक बार उनको लगा कि हम लोग पराजित हो जाएंगे और कहीं भी किसी प्रकार का कोई उनके सामने परिस्थितियां नहीं थी। वो सोच रहे थे कि किस प्रकार से कार्य करें तब उनको सीता मैया की याद आती है। और सीता मैया के मधुर और राजीव नयन आंखों को देखते हुए उनका प्रथम मिलन की घड़ी याद आती है कि हे राम तुमने सीता का यदि हाथ थामा है तो उसकी रक्षा के लिए युद्ध करिए और आगे बढ़कर रावण की आसुरी ताकतों से उनको बचाए। ऐसे समय पर उनको सभी और अंधकार दिखाई दे रहा था लेकिन एक तरफ एक मशाल जल रही थी जो मशाल इस बात का इशारा कर रही थी। हे राम आपको सीता मैया को घर वापस लाना है और आसुरी ताकतों से बचाना है।
यह उस प्रकार का युद्ध नही है, यह एक प्रकार की प्रतिस्पर्धा है। यह केवल एक मनोभाव है कि हम लोग साढे तीन महीने तक युद्ध में विजय रहे और अंतिम क्षण पर यदि पराजय होगी तो हमारे सामने एक बहुत बड़ी कठिन स्थिति होगी अतः मैं उसे कठिन परिस्थितियों को सोचकर दुखी हूं और मेरे लिए भी अंधकार सा नजर आ रहा है लेकिन आज जिस प्रकार से आप लड़े उससे मुझे एक मशाल की तरीके से ज्वाला दिखाई दी है और वह ज्वाला निश्चित रूप से रोशनी प्रतीत हो रही है, ध्यान रहे प्रकाश में संघर्ष हम लोग को अवश्य विजय बनाएगा और लड़ते रहिए।
विजय जरूर मिलेगी। यद्यपि यह ऐसी प्रतिस्पर्धा नहीं है, सब अपने हैं। जो विजय भावना के साथ हम लोग तीन महीने से कोशिश कर रहे हैं उसको करने की मुझे प्रसन्नता है कि समस्त लोग समस्त पूरा प्रदेश इसी भाव से लड़ रहा है, लेकिन विजय हमारी ही होगी।
डॉ0 दिनेश चंद्र ने कहा कि आप लोगों ने बहुत अच्छा कार्य किया है जिसके लिए शासन स्तर से सराहना की गई है। उन्होंने कहा कि अभी अभियान में एक हफ्ता शेष है जिनमें आप बिना हिम्मत हारे पूर्ण लगन से कार्य करें। उन्होंने कहा कि कार्ड बनाने के कार्य में तेजी लाएं और प्रतिदिन अधिक से अधिक कार्ड बनाकर पात्रों को योजना से जोड़े। उन्होने कहा कि छूटे हुए पात्रों को चिन्हित करने एवं योजना से जोड़ने के लिए गांव गांव मे कैंप भी लगाए जाएं।
डॉ0 दिनेश चन्द्र ने कहा कि 31 दिसम्बर तक चलने वाले अभियान के बाद कोई भी पात्र आयुष्मान कार्ड से वंचित न रहे। उन्होने कहा कि प्रत्येक स्तर पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी पूर्ण ऊर्जा एवं निष्ठा के साथ कार्य करे। उन्होने कहा कि जनपद को पुनः प्रथम स्थान पर लाने और प्रत्येक नागरिक को आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने में सभी अपने स्तर से अधिक से अधिक प्रयास करें।
उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, पत्रकार बंधुओ और आमजन से सहयोग की अपील करते हुए कहा एक नई ऊर्जा के साथ इस कार्य में जुड़े। कहा की मुझे पूर्ण आशा है हम सफल होकर जनपद का नाम प्रदेश और देश में सर्वाेच्च करेंगे।
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