सरकार छोटे मंझलें स्कूलों को निशुल्क बिजली व सौर ऊर्जा उपलब्ध कराए - डॉ मलिक

 बिजली विभाग सीबीएसई के बड़े स्कूलों की तुलना गली मोहल्ले के छोटे स्कूलों से मत करें •• सरकार छोटे मंझलें स्कूलों को निशुल्क बिजली व सौर ऊर्जा उपलब्ध कराए - डॉ मलिक

विरेन्द्र चौधरी 

सहारनपुर। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता इंजीनियर कौशल का घेराव करके lmv4 कमर्शियल कनेक्शनों को छोटे स्कूलों में लागू न किया जाय बल्कि निजी स्कूलों को निशुलक बिजली देने से संबंधित ज्ञापन प्रमुख सचिव विद्युत उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित ज्ञापन अधीक्षण अभियंता बिजली विभाग सहारनपुर को सौंपते हुए कहा कि हिंदी माध्यम छोटे निजी स्कूलों का शोषण किया जा रहा है, यदि यह शोषण बंद नहीं हुआ तो एक सप्ताह सप्ताह के उपरांत 19 फरवरी को जिला अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक मलिक ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी 19 फरवरी तक निजी स्कूलों का शोषण बंद नहीं हुआ तो जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। श्री मलिक ने कहा की वर्तमान सरकार अपनी विफलता के कारण निजी स्कूलों को कभी हाउस टैक्स जलकर बिजली के कमर्शियल बिलों के नाम पर अन्य तरह के स्कूलों की जांचों को लेकर शोषण कर रही है। शिक्षित बेरोजगार व्यक्ति या रिटायर होने के उपरांत अधिकतर गली मोहल्ले के घरों में स्कूल चल रहे हैं जिसकी जिम्मेदार सरकार है। यदि सरकार सरकारी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई काराती तो सेवा भाव से चलाने वाली एनजीओ संस्थाओ को आगे आकर शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता नहीं होती।उत्तर प्रदेश सरकार केजरीवाल की दिल्ली की सरकार से सीख लेने का काम करे जो आम जनता को निशुल्क बिजली दे रही है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार निजी छोटे मंझले गली मोहल्ले के सेवा भाव से संचालित स्कूलों को निशुल्क बिजली व निशुल्क सौर ऊर्जा देने का काम करें। हम सरकार के द्वारा थोपे हुए गरीब दुर्बल वर्ग के बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं इसका मतलब सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विफल हो गई है। 25% आरटीई के गरीब दुर्बल वर्ग और 70% सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों व्यापारियों आम जनता के बच्चे पढ़ा रहे हैं इस प्रकार हमारे  उपर 95% बच्चों को पढाने का भार थोपा हुआ है सरकार निजी स्कूलों को प्रोत्साहित करें तो हम 5% बच्चे भी पढ़ा लेंगे।

 धरने को जिला अध्यक्ष केपी सिंह व महानगर प्रभारी अजय रावत ने संबोधित करते हुए कहा कि  मान्यता प्राप्त हिंदी मीडियम स्कूल पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे है।यदि परिषद के स्कूलों में अच्छी पढ़ाई हो तो छोटे मझले स्कूल खोलने की आवश्यकता नहीं होती। बेरोजगारों को रोजगार सरकार दे तो भी स्कूल नहीं खोले जा सकते सरकार की सभी पर्लोभन योजनाएं विफल हो गई है। इस प्रकार सरकार नए-नए कानून बनाकर छोटे स्कूलों की कमर तोड़ने का काम करती है इसी प्रकार उनके पास संख्या नहीं रहती सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों व सरकारी शिक्षकों के बच्चों को भी हम ही पढ़ते हैं सरकार को चाहिए छोटे मझले स्कूलों को गोद लेकर अनुदान व निजी स्कूलों के शिक्षकों को मानदेय दे।

        धरने को गययूर आलम वसीम अहमद शान इलाही समसी अब्दुल कादिर सरफराज खान दिनेश रपदी आदि ने संबोधित किया। धरने में आकाश करणवाल, श्रीमती उमा बाटला, श्रीमती खदीजा तौकीर, डॉ जावेद,मनीष मंगलम, संजीव मक्कड़, नकुल खन्ना, रविंद्र गुप्ता, महेश कुमार, प्रमोद कुमार,  मंजूर हसन, चंद्र किशोर, परवेज अहमद, दिनेश रोकड़ी, नेहा शर्मा, संजय,  हिमांशु, नीरज आदि उपस्थित रहे।

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