मोदी जी बताएं की उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब के गन्ना किसानों को एफ आर पी से होगा क्या लाभ - एफ आर पी एक धोखा - भगत सिंह वर्मा
प्रधानमंत्री मोदी जी बताएं की उत्तर प्रदेश हरियाणा पंजाब के गन्ना किसानों को इस एफआरपी से क्या लाभ होगा •••• एफआरपी एक धोखा देश और प्रदेश के गन्ना किसानों को दिलाया जाए गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹600 कुंतल भगत सिंह वर्मा
विरेन्द्र चौधरी
देवबंद -आज यहां गन्ना समिति कार्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन वर्मा व पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि एफआरपी गन्ना किसानों के लिए बड़ा धोखा है।
प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भगत सिंह वर्मा ने बताया कि एफ आर पी का हिंदी में मतलब है उचित और लाभकारी मूल्य।केंद्र सरकार ने घोषित किया है 340 रुपए कुंतल जबकि उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य ₹370 कुंतल पंजाब में 391 कुंतल हरियाणा में 386 रुपए कुंतल है। प्रधानमंत्री मोदी जी गन्ना किसानों को समझाएं कि इससे कैसे गन्ना किसानों को फायदा होगा देश और प्रदेश के गन्ना किसानों को तो गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹600 कुंतल चाहिए।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि खाद बीज कीटनाशक दवाई कृषि यंत्र ट्रैक्टर डीजल लेबर आदि महंगा होने के कारण इस वर्ष गन्ने की लागत 525 रुपए कुंतल आई है। कृषि वैज्ञानिक हरित क्रांति के जनक भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गन्ना मूल्य 787 रुपए 50 पैसे कुंतल होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी जी बताएं कि मात्र 340 रुपए कुंतल गन्ना मूल्य उचित और लाभकारी कैसे हैं। यह न उचित है और लाभकारी तो है ही नहीं। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल में देश के गन्ना किसानों को 6 लाख करोड रुपए का घाटा हुआ है। जिसके कारण देश के किसानों की आए दुगना तो दूर आधी भी नहीं रह गई है और देश के अन्नदाता किसान भारी कर्ज बंद हो गए हैं जिसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार जिम्मेदार है।
किसान नेता ने कहा प्रधानमंत्री मोदी जी को देश और प्रदेश के गन्ना किसानों की हो रही लूट पर स्वेत पत्र जारी करके देश और किसानों को बताया जाए। 1 वर्ष तक गन्ना किसान मेहनत से गन्ना पैदा करते हैं। चीनी मिलों में गन्ना डालने के एक वर्ष बाद तक सरकार चीनी मिलों से गन्ने का भुगतान नहीं करती है। जो गन्ना किसानों के साथ सरासर अन्याय और धोखा है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि शुगर कंट्रोल ऑर्डर 1966 के अनुसार जो चीनी मील 14 दिन के अंदर गन्ना किसानों को भुगतान नहीं करती हैं उन्हें प्रदेश और देश के गन्ना किसानों को चीनी मिलों से 15% वार्षिक दर से ब्याज दिलाना चाहिए। गन्ना किसानों को ब्याज दिलाने के लिए माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद और माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी ब्याज दिलाने के आदेश किए हुए हैं। और ऐसी चीनी मिलों को धुलाई किराया काटने का भी अधिकार नहीं है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा में एस ए पी लागू है। जिसके तहत गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी मूल्य ₹600 कुंतल दिलाया जाए।
प्रैसवार्ता में अजीत सिंह प्रधान नरेश कुमार एडवोकेट चरण सिंह आसिम मलिक हाजी सुलेमान ने भाग लिया।
Comments
Post a Comment