पहले हो राज्यों का पुर्नगठन, बाद में हो परिसीमन •• पश्चिमांचल निर्माण पार्टी

 पहले हो राज्यों का पुर्नगठन, बाद में हो परिसीमन •• पश्चिमांचल निर्माण पार्टी


विरेन्द्र चौधरी. विनय कुमार 

मुजफ्फरनगर। पश्चिमांचल निर्माण पार्टी का कहना है कि पहले राज्यों का पुर्नगठन होना चाहिए, उसके बाद  सरकार परिसीमन की बात करे। पश्चिमांचल निर्माण पार्टी ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि देश में छोटे और नये राज्यों की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्रीय विकास हो।

पश्चिमांचल निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सतेन्द्र सिंह का मानना है कि भारत सरकार को परिसीमन पहले नही करना चाहिए । सबसे पहले राज्यों का पुनर्गठन करना चाहिए, नए और छोटे राज्यों का निर्माण करना चाहिए । राज्य पुनर्गठन आयोग बनाना चाहिए । क्योंकि विशेष रुप से दक्षिण के राज्य परिसीमन का विरोध कर रहे हैं, वे इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत में क्षेत्रफल और जनसंख्या में बड़े राज्य हैं और दक्षिण के राज्यों को डर सता रहा है कि अगर परीसीमन हुआ, तो इन राज्यों का संसद में दबदबा बढ जाएगा, डोमिनेंस बढ जाएगा । इसलिए केंद्र सरकार को सबसे पहले राज्य पुनर्गठन आयोग बनाना चाहिए और राज्यों का पुनर्गठन करना चाहिए, नए और छोटे राज्यों का निर्माण करना चाहिए, जब उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत में नए और छोटे राज्य होंगे, तो दक्षिण भारत के राज्य परिसीमन का विरोध नहीं करेंगे, क्योंकि नए और छोटे राज्यों के निर्माण से भारत में सभी राज्य क्षेत्रफल और जनसंख्या में बराबर हो जाएंगे, इसलिए सबको परिसीमन के बाद सीटें बराबर मिलेगी । 

पश्चिमांचल निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजीव मलिक मासूम ने कहा भारत में क्षेत्रफल और जनसंख्या में बड़े राज्य होने के कारण दक्षिण के राज्य परिसीमन का विरोध कर रहे हैं और वे चाहते हैं की परिसीमन 1971 की जनसंख्या के आधार पर हो । अगर भारत में 1971 की जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होता है, तो फिर इस परिसीमन का कोई मतलब ही नहीं है, क्योंकि 1971 में भारत की जनसंख्या 50 से 55 करोड़ के बीच में थी और अब 2025 में जनसंख्या बढ़कर 140 करोड़ से ज्यादा हो गई । इसलिए भारत में परिसीमन 2025 की जनसंख्या 140 करोड़ के अनुसार होना चाहिए, ना कि 1971 की 55 करोड़ की जनसंख्या के आधार पर । इसलिए सबसे पहले भारत में राज्य पुनर्गठन आयोग बनना चाहिए, राज्यों का पुनर्गठन होना चाहिए, नए और छोटे राज्यों का निर्माण होना चाहिए, उसके बाद में 2025 की जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होना चाहिए । जब भारत में नए और छोटे राज्यों का निर्माण हो जाएगा और सभी राज्य क्षेत्रफल और जनसंख्या में बराबर हो जाएंगे, तो दक्षिण के राज्य परिसीमन का विरोध नहीं करेंगे और ना ही 1971 की जनसंख्या के आधार पर परिसीमन करने की मांग करेंगे और परिसीमन भी 2025 की जनसंख्या के आधार पर हो पाएगा, जो भारत के लिए फायदेमंद होगा ।

उन्होंने कहा इसलिए सबसे पहले राज्य पुनर्गठन आयोग बनना चाहिए, राज्यों का पुनर्गठन होना चाहिए, नए और छोटे राज्यों का निर्माण होना चाहिए, उसके बाद में परिसीमन होना चाहिए ।

       

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