प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मना रही भारतीय युवा कांग्रेस••••डॉ. अनिल कुमार मीणा
विरेन्द्र चौधरी
दिल्ली। भारतीय युवा कांग्रेस 17 सितंबर को नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस के रूप में मना रही है। भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई डिपार्टमेंट के राष्ट्रीय चेयरमैन डॉ. अनिल कुमार मीणा ने बताया कि इसका कारण भारत में बढ़ती नौकरियों की समस्या, काम की कमी, कारोबार का ठप्प होना और सरकारी संस्थानों का निजी हाथों में चले जाना। घटते रोजगार ने भारत की 14 करोड़ से ज्यादा आबादी को बेरोजगार बना दिया है। देश में लोगों को रोजगार मिलने के बजाय सरकारी संस्थानों से रोजगार छीनते जा रहे हैं। चुनावी घोषणाओं में नरेंद्र मोदी ने प्रति वर्ष 2 करोड युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। सीएमआईई आंकड़ों के अनुसार वह सरकार बीते 8 साल में 2 करोड लोगों को रोजगार नहीं दे पाई।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने कहा, ‘‘ मोदी सरकार 2 करोड़ रोजगार प्रति वर्ष देने के बड़े-बड़े वादे कर सत्ता में आई थी, पर आज केंद्र सरकार रोजगार के मुद्दे पर पूरी तरह मौन है। देश में एक साल में बेरोजगारी दर 2.4 प्रतिशत से बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गई है। सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है।रोजगार देने के नाम पर सरकारी कागजों पर कई योजनाएं चलाई गई, जिनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, कौशल विकास योजना, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, अंत्योदय योजना में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसे कई योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर विज्ञापनों पर करोड़ों अरबों रुपए फूंक दिए गए लेकिन जमीनी धरातल पर देश में युवाओं में बेरोजगारी बढ़ती रही।
उन्होंने कहा विज्ञापनों पर करोड़ों अरबों रुपए फेंकने के बजाय यदि युवाओं को रोजगार दे देते तो उनका भविष्य सुनहरा हो सकता था। नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने मित्र उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए देश की अधिकांश सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर दिया है। जिसका नुकसान देश के युवाओं को बेरोजगारी के रूप में देखने को मिल रहा है।देश के युवाओं की समस्याओं को ध्यान में रखकर "राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है। सरकार की कमजोर नीतियां, असफल योजनाएं, जुमलानीति इत्यादि के कारण देश का पढ़ा-लिखा युवा निराश हो चुका है। वह आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रहा है। वह अपने मताधिकार के माध्यम से युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने वाली सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। ‘राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस’ के तहत देश भर में भारतीय युवा कांग्रेस संगठन द्वारा कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे| जिससे देश के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं का दर्द सरकार समझ सके।
Comments
Post a Comment